नई दिल्ली, 9 अगस्त 2025: उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से मची तबाही ने जहां एक ओर लोगों की जिंदगियां उजाड़ दीं, वहीं दूसरी ओर सियासी बयानबाजी ने इस दुखद घटना को विवादों के घेरे में ला दिया है। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एस टी हसन के एक बयान ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। हसन ने धराली आपदा को ‘ऊपर वाले का इंसाफ’ बताते हुए इसे मस्जिदों और मजारों पर बुलडोजर चलाने से जोड़ दिया। उनके इस बयान पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है, इसे ‘शर्मनाक’ और ‘जख्मों पर नमक छिड़कने’ वाला करार दिया।
‘आपदा का कारण पेड़ों की कटाई और धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर’
एस टी हसन, जो सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं, ने धराली में आई आपदा पर सवाल उठाते हुए कहा, “वहां गांव का गांव साफ हो गया। इतनी बारिश भी नहीं थी, फिर ऐसी आपदा क्यों? हमें सोचना चाहिए। जंगलों की अंधाधुंध कटाई इसका एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, उत्तराखंड और हिमाचल में धार्मिक स्थलों, चाहे मस्जिद हो, दरगाह हो या मंदिर, पर बुलडोजर चलाना गलत है। ऊपर वाला सब देखता है, और जब उसका इंसाफ होता है, तो कोई नहीं बच पाता।”
हसन का यह बयान यहीं नहीं रुका। उन्होंने आगे कहा, “प्रकृति के साथ छेड़छाड़ और धार्मिक स्थलों का अपमान ऐसी आपदाओं को न्योता देता है।” उनके इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, खासकर तब जब धराली में सेना और राहत टीमें जिंदगियां बचाने में दिन-रात जुटी हुई हैं।
बीजेपी का पलटवार: ‘सपा का असली चेहरा बेनकाब’
बीजेपी ने हसन के बयान को संवेदनहीन और विभाजनकारी करार दिया। यूपी बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “प्राकृतिक आपदा जैसी त्रासदी को मजहबी रंग देना निंदनीय है। यह बयान पीड़ितों के जख्मों पर नमक-मिर्च छिड़कने जैसा है। सपा का यह रवैया शर्मनाक है। वे ऐसे नेताओं को दंडित करने की बजाय प्रोत्साहित करते हैं।” त्रिपाठी ने यह भी जोड़ा कि सपा का यह बयान उनकी ‘वोटबैंक की राजनीति’ को उजागर करता है।
धराली में तबाही का मंजर
बता दें कि बीते मंगलवार को धराली में खीरगाड़ नाले में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने आधे गांव को तहस-नहस कर दिया। कई लोग लापता हैं, और सेना, एनडीआरएफ, और अन्य एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हैं। अब तक 1300 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कई अभी भी मलबे में फंसे हैं। इस त्रासदी के बीच सियासी बयानबाजी ने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया है।
हसन का विवादों से पुराना नाता
यह पहली बार नहीं है जब एस टी हसन का बयान विवादों में घिरा हो। इससे पहले भी वह कांवड़ यात्रा और अन्य मुद्दों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में रह चुके हैं। उनके इस ताजा बयान ने सपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं, खासकर तब जब अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने में जुटे हैं।
क्या कहते हैं लोग?
धराली के स्थानीय निवासियों और आपदा पीड़ितों में हसन के बयान को लेकर गुस्सा है। एक स्थानीय ने कहा, “हमारी जिंदगियां तबाह हो गईं, और ये नेता सियासत कर रहे हैं। क्या यह समय ऐसी बातों का है?” वहीं, सोशल मीडिया पर भी हसन की टिप्पणी की तीखी आलोचना हो रही है।
इस बीच, राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अतिरिक्त संसाधन जुटाए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या सियासी बयानबाजी इस दुख की घड़ी में पीड़ितों को और आहत नहीं कर रही?