बेंगलुरु, 2 जुलाई 2025: कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार के खेमे की जोर-आजमाइश को करारा जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि वह पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहेंगे। बुधवार को सिद्धारमैया ने आत्मविश्वास भरे अंदाज में कहा, “मैं ही मुख्यमंत्री हूं, इसमें कोई संदेह क्यों?” यह बयान शिवकुमार और उनके समर्थकों के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है, जो मंगलवार तक दावा कर रहे थे कि उनके पास 100 विधायकों का समर्थन है और अब समय है कि मुख्यमंत्री बदला जाए।
शिवकुमार खेमे का तर्क था कि अगर अब सत्ता की कमान उनके हाथ में नहीं आई, तो अगले चुनाव में कांग्रेस की जीत मुश्किल हो सकती है। हालांकि, सिद्धारमैया ने विपक्षी दलों बीजेपी और जेडीएस के दावों को खारिज करते हुए तंज कसा, “क्या हमारे हाईकमान ये लोग हैं?”
शिवकुमार का यू-टर्न, समर्थक विधायक को नोटिस की चेतावनी
उधर, डीके शिवकुमार का खेमा अब नरम पड़ता दिख रहा है। खुद शिवकुमार ने अपने ही समर्थक विधायक इकबाल हुसैन के बयान पर नाराजगी जताई, जिन्होंने 100 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। शिवकुमार ने कहा, “पार्टी में कोई असंतोष या खींचतान नहीं है। मैं इकबाल हुसैन को कारण बताओ नोटिस जारी करूंगा और ऐसे अन्य विधायकों से भी बात करूंगा, जो पार्टी लाइन से हटकर बोल रहे हैं।”
हाईकमान की दखल, सुरजेवाला ने संभाला मोर्चा
यह सियासी ड्रामा कांग्रेस हाईकमान तक पहुंच चुका था। सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार के खेमे ने अपनी मांग सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने रखी थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कहा था कि इस मसले पर अंतिम फैसला हाईकमान लेगा। मंगलवार को रणदीप सुरजेवाला के बेंगलुरु दौरे ने आग में घी का काम किया। सुरजेवाला ने शिवकुमार के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माहौल को शांत करने की कोशिश की, जिसके बाद यह सियासी तूफान फिलहाल थमता नजर आ रहा है।
कर्नाटक की इस सियासी जंग में सिद्धारमैया की दमदार पकड़ और हाईकमान का साथ उन्हें मजबूत बनाए हुए है, जबकि डीके शिवकुमार के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्या यह शांति लंबे समय तक कायम रहेगी, या फिर यह सिर्फ तूफान से पहले की शांति है? यह देखना दिलचस्प होगा।