वाराणसी, 17 अप्रैल 2025, गुरुवार। वाराणसी के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष संदीप मिश्रा ने करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह पर जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस मामले ने न केवल राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है, बल्कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मुलाकात कर इस मामले में त्वरित कार्रवाई और संदीप मिश्रा की सुरक्षा की मांग की। इस दौरान समाजवादी महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष रिबु श्रीवास्तव समेत कई सपा नेता मौजूद रहे।
धमकी का सिलसिला: गालियां, वॉट्सऐप मैसेज और डर
संदीप मिश्रा ने बताया कि 16 अप्रैल 2025 को दोपहर 3 बजे उनके मोबाइल नंबर पर एक कॉल आया। कॉलर ने खुद को करणी सेना, वाराणसी का जिलाध्यक्ष आलोक सिंह बताया। मिश्रा के अनुसार, आलोक ने उन्हें अपशब्द कहे और बैनर-पोस्टर लगाने व बीजेपी का विरोध करने को लेकर धमकाया। बात यहीं नहीं रुकी। अगले दिन सुबह 8:41, 9:01 और 9:02 बजे फिर से कॉल आए, जिसमें आलोक ने गालियां दीं और उनके घर का पता पूछा। इसके बाद वॉट्सऐप पर संदेश आया, जिसमें संदीप को बोरे में भरकर फेंकने की धमकी दी गई। हालांकि, बाद में वह मैसेज डिलीट कर दिया गया।
परिवार में दहशत, रेकी का डर
संदीप मिश्रा ने पुलिस को दिए अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनके घर की रेकी की जा रही है। इससे उनका परिवार दहशत में है और उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा के नेतृत्व में सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिला। इस दल में सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ‘लक्कड़ पहलवान’, युवजन सभा के महानगर अध्यक्ष राहुल गुप्ता, सपा नेता लालू यादव और अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।
एमएलसी की मांग: तत्काल गिरफ्तारी और कार्रवाई
आशुतोष सिन्हा ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात के दौरान साफ शब्दों में कहा कि करणी सेना के जिलाध्यक्ष ने संदीप मिश्रा को गोली मारने की धमकी दी है, जो बेहद गंभीर है। उन्होंने इस मामले में तुरंत FIR दर्ज करने और आलोक सिंह की गिरफ्तारी की मांग की। इसके अलावा, सिन्हा ने एक अन्य मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हरीश मिश्रा को डॉक्टरों ने बीएचयू रेफर किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उन्होंने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग भी की।
पुलिस कमिश्नर का आश्वासन
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच के लिए एसपी कैंट विदुष सक्सेना को नियुक्त किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
सियासी माहौल गर्म
यह घटना वाराणसी के पहले से ही तनावपूर्ण सियासी माहौल को और गर्म कर सकती है। संदीप मिश्रा और करणी सेना के बीच यह विवाद न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि दो संगठनों और उनकी विचारधाराओं के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है। सपा नेताओं का कहना है कि यह धमकी न सिर्फ संदीप मिश्रा, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने की साजिश है।
आगे क्या?
पुलिस की जांच और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्या यह मामला केवल व्यक्तिगत रंजिश है या इसके पीछे कोई बड़ी सियासी साजिश? यह सवाल वाराणसी की गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल, संदीप मिश्रा और उनके परिवार की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर सपा नेताओं ने पुलिस प्रशासन से त्वरित कदम उठाने की मांग की है। यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि वाराणसी की सियासत में एक नए तूफान का संकेत भी दे रहा है।