N/A
Total Visitor
29.6 C
Delhi
Tuesday, July 1, 2025

सिंदूर का सियासी तूफान: बीजेपी ने ‘घर-घर सिंदूर’ अभियान को बताया फर्जी, विपक्ष पर बोला हमला!

नई दिल्ली, 31 मई 2025, शनिवार: हाल के दिनों में ‘घर-घर सिंदूर’ अभियान की खबरें भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया पर तूफान की तरह छाई रहीं। दावा था कि बीजेपी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश भर में घर-घर जाकर सिंदूर बांटने की तैयारी में है। इस खबर ने सियासी गलियारों में हंगामा मचा दिया, विपक्ष ने बीजेपी पर तीखे हमले बोले, और सोशल मीडिया पर बहस का बाजार गर्म हो गया। लेकिन अब, इस सारे हंगामे के बीच, बीजेपी ने इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया है, इसे ‘फर्जी’ करार देते हुए विपक्ष को करारा जवाब दिया है।

बीजेपी ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि ‘घर-घर सिंदूर’ जैसा कोई अभियान उनकी योजनाओं में नहीं है। पार्टी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर इसकी पुष्टि करते हुए एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें दैनिक भास्कर की 28 मई की एक खबर का जिक्र था। इस खबर में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से दावा किया गया था कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ, 9 जून, से यह अभियान शुरू होगा। लेकिन बीजेपी ने इसे पूरी तरह से गलत ठहराया है।

इस कथित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न सिर्फ सियासी हलकों में बवाल मचाया, बल्कि विपक्षी नेताओं को बीजेपी पर हमला बोलने का मौका भी दे दिया। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को जमकर निशाने पर लिया। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने तीखे तेवर में कहा, “सिंदूर सुहाग का प्रतीक है, जो सिर्फ पति के नाम से मांग में सजता है। बीजेपी के ये कौन लोग हैं जो घर-घर सिंदूर बांटने की बात कर रहे हैं? क्या ये वही लोग हैं, जिनमें बलात्कार के दोषी या आपराधिक छवि वाले नेता शामिल हैं? सनातन संस्कृति में सिंदूर प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, लेकिन बीजेपी इसे राजनीति का हथियार बना रही है।”

वहीं, बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस पूरे विवाद को ‘फेक न्यूज’ का हथकंडा बताते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने खास तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाने पर लिया, जिन्होंने इस खबर पर तंज कसते हुए बीजेपी पर हमला बोला था। मालवीय ने एक्स पर लिखा, “फर्जी खबरों के आधार पर लोग सोशल मीडिया पर उल्टा-सीधा बोल रहे हैं, लेकिन ममता बनर्जी का एक मुख्यमंत्री के रूप में ट्रोल की तरह बयानबाजी करना शर्मनाक है। उन्हें अपने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और असुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि आधारहीन खबरों पर सियासत करनी चाहिए।”

यह पूरा प्रकरण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जहां कुछ ने इसे बीजेपी की सांस्कृतिक राजनीति का हिस्सा माना, तो कुछ ने इसे महज अफवाह करार दिया। अब बीजेपी के खंडन के बाद यह साफ हो गया है कि ‘घर-घर सिंदूर’ अभियान एक फर्जी खबर थी, जिसने कुछ समय के लिए सियासी माहौल को गर्म कर दिया। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसी खबरें कहां से जन्म लेती हैं, और इनका मकसद क्या है? यह सियासी ड्रामा अभी थमने का नाम नहीं ले रहा!

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »