इंफाल, 18 नवंबर 2024, सोमवार। मणिपुर में बीजेपी सरकार पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। एन. बीरेन सिंह सरकार को समर्थन देने वाली NPP ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे सरकार की स्थिति और भी कमजोर हो गई है। इस बीच, मणिपुर कांग्रेस के सभी विधायकों ने इस्तीफा देने का एलान किया है, जबकि बीजेपी के दर्जन भर विधायकों ने भी इस्तीफा देने की घोषणा की थी।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह अब स्थिति को संभालने में जुट गये हैं। राज्य में शुरू हुई हिंसा के नए दौर के बीच यह सियासी तूफान और भी बढ़ता जा रहा है।
कांग्रेस ने न्याय की मांग की
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर की जनता को न्याय दिलाने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा कि “मैं सिर्फ न्याय चाहता हूं, चाहे मणिपुर पर कोई भी शासन करे”। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री वहां नहीं गए और मणिपुर के लोग महीनों, सालों से परेशान हैं।
इस बीच, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने रविवार को यह दावा करते हुए हिंसा प्रभावित मणिपुर की भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया कि एन बीरेन सिंह शासन इस पूर्वोत्तर राज्य में ‘संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम’ रहा है। मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के सात विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार के रवैये की निंदा की है और कहा है कि राहुल गांधी ने मणिपुर में लोगों की मदद के लिए वहां जाने की कोशिश की, लेकिन प्रधानमंत्री वहां नहीं गए।