श्रीनगर, 28 अगस्त 2025: जम्मू-कश्मीर की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया, जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अचानक इस्तीफे की खबरें सामने आईं। यह खबर ऐसे समय में आई है, जब केंद्र शासित प्रदेश में उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। हालांकि, सिन्हा के इस्तीफे की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन इस खबर ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
इस्तीफे की वजह अनसुलझी पहेली
सिन्हा के इस अप्रत्याशित कदम की वजहें अभी स्पष्ट नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह जल्द ही कोई नई जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। यह खबर न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से लेकर दिल्ली तक चर्चा का विषय बन गई है। सिन्हा के इस फैसले ने उनके समर्थकों को हैरान कर दिया है, जो उन्हें ‘विकास पुरुष’ के रूप में देखते हैं।
कौन हैं मनोज सिन्हा?
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से कई बार सांसद रहे मनोज सिन्हा ने रेल और संचार राज्यमंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगता है कि उनके लोकसभा नामांकन के लिए खुद अमित शाह गाजीपुर पहुंचे थे। सिन्हा को बीजेपी का मजबूत स्तंभ माना जाता है, फिर भी उनका यह कदम सबको चौंका रहा है।
सादगी और अनुशासन की मिसाल
सिन्हा की सादगी की कहानियां भी कम मशहूर नहीं हैं। हाल ही में एक टीव शो में उन्होंने खुलासा किया था कि उन्होंने पान और गुटखा छोड़ दिया है, जिसकी तारीफ पीएम मोदी ने भी की थी। इसके अलावा, उन्होंने अपने वजन को 108 किलो से घटाकर 87 किलो कर लिया, जो उनकी अनुशासित जीवनशैली को दर्शाता है।
आगे क्या?
सिन्हा के इस्तीफे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह उनकी नई भूमिका की शुरुआत है, या जम्मू-कश्मीर की सियासत में कोई बड़ा बदलाव आने वाला है? सियासी हलकों में चर्चा है कि सिन्हा को जल्द ही कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। फिलहाल, यह खबर जम्मू-कश्मीर और पूर्वांचल की राजनीति में गर्मागर्म बहस का विषय बनी हुई है।
हालांकि, न्यूज अड्डा इंडिया इस्तीफे के खबर की पुष्टि नहीं करता है, इस्तीफे की खबर की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।