वाराणसी, 24 जून 2025: रामापुरा के गुरुनानक खालसा स्कूल के सामने स्थित ऐतिहासिक कब्रिस्तान की ज़मीन पर कथित कब्जे का विवाद अब सियासी रंग ले चुका है। कांग्रेस पार्टी ने मुतवल्ली के समर्थन में मोर्चा खोलते हुए जिला प्रशासन पर पक्षपात का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे शहर की सियासत गरमा गई है।
क्या है विवाद?
कब्रिस्तान के मुतवल्ली अहमद जमाल ज्ञानी का दावा है कि यह ज़मीन उनके पूर्वजों के नाम से दर्ज है और वक्फ बोर्ड में रजिस्ट्रेशन संख्या 2400 के तहत संरक्षित है। उन्होंने बताया कि 1291 फसली (1883-84) से यह कब्रिस्तान अस्तित्व में है, जिसका रिकॉर्ड आराजी नंबर 208 और 210 में मौजूद है। लेकिन, आरोप है कि कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ज़मीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस ने बोला हमला
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कथित कब्जेदार भाजपा से जुड़े हैं, इसलिए प्रशासन उनकी मदद कर रहा है। 2002 में तैयार एक फर्जी दस्तावेज के आधार पर चार बिस्सा ज़मीन पर निर्माण हो रहा है, लेकिन प्रशासन चुप है।” चौबे ने यह भी दावा किया कि मुतवल्ली की शिकायतों को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है।
निर्माण कार्य पर सवाल
मुतवल्ली का कहना है कि उन्होंने पीएम जनसंपर्क कार्यालय से लेकर स्थानीय प्रशासन तक गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि ज़मीन पर निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है और प्रशासन ने रिकॉर्ड सील कर जांच तक को बाधित किया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि एडीएम सिटी के मौके पर पहुंचने के बावजूद निर्माण नहीं रुका।
मांग: न्यायिक जांच और तत्काल रोक
कांग्रेस और मुतवल्ली ने एक स्वर में मांग की है कि निर्माण कार्य तत्काल रोका जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो। चौबे ने चेतावनी दी, “अगर प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी।”