पटना, बिहार में आरक्षण का मुद्दा आगामी विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाला है। महागठबंधन और एनडीए के बीच आरक्षण को लेकर जुबानी जंग तेज हो चुकी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि उनकी सरकार ने जाति सर्वेक्षण के आधार पर आरक्षण की सीमा 65% तक बढ़ाने का कदम उठाया था। उन्होंने एनडीए पर आरोप लगाया कि भाजपा के नेता ही इस फैसले को अदालत ले गए, जिसके कारण हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
तेजस्वी ने इसे दलित, पिछड़ों और अति पिछड़ों के अधिकारों पर हमला करार दिया है।दूसरी ओर, एनडीए ने तेजस्वी यादव और उनके माता-पिता पर निशाना साधा है। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि लालू-राबड़ी शासन में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया।
एनडीए सरकार ने ही आरक्षण का दायरा बढ़ाया और सभी वर्गों को इसका लाभ दिलाया। साथ ही, उन्होंने महागठबंधन पर आरक्षण के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। अब विपक्ष ने आरक्षण सीमा को 85% तक बढ़ाने की मांग उठाई है, जिससे यह मुद्दा और गर्मा गया है।