लखनऊ, 26 नवंबर 2024, मंगलवार। संभल में हिंसा के बाद राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। विपक्षी दल बीजेपी सरकार और स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने कहा है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है। उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दौरा कैंसिल हो गया।
इस बीच, संभल में तनाव का माहौल बना हुआ है। अधिकांश बाजार बंद हैं और लोग अपने घरों में कैद हैं। प्रशासन ने 30 नवंबर तक इलाके में बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर रोक लगा दी है। संभल के व्यापारी अपनी दुकानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। संभल में हिंसा के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। योगी सरकार के मंत्री नितिन अग्रवाल ने दावा किया है कि यह हिंसा तुर्क सांसद जिया उर रहमान बर्क और स्थानीय पठान विधायक इकबाल महमूद के बीच राजनीतिक वर्चस्व की वजह से हुई। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है।
पुलिस अब उन नकाबपोश उपद्रवियों की तलाश कर रही है, जिन्होंने जमकर उत्पात मचाया था। पुलिस के हाथ कई ऐसे वीडियो लगे हैं, जिनमें उपद्रवियों की गतिविधियां कैद हैं। कोर्ट के आदेश के बाद जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। डीएम ने जांच कमेटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
उधर, संभल हिंसा पर सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही संभल जाएगा, जिसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव शामिल होंगे। यह प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों से मुलाकात कर उनका दुख-दर्द बांटेगा। इस बीच, संभल हिंसा में डीएम और पुलिस अधीक्षक ने खुलासा किया है कि पूरी घटना सुनियोजित थी। रात में ही इसकी स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। हिंसा के लिए व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर मस्जिद के पास भीड़ बुलाई गई थी। डीएम के मुताबिक भीड़ का निशाना पुलिस थी।
गौरतलब है कि संभल हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हैं। संभल हिंसा के बाद पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण शांति है। इलाके में पीएसी के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स भी लगाया गया है। हिंसा प्रभावित इलाके में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगाई गई है। साथ ही इंटरनेट सेवा मंगलवार को भी बंद रही।