वाराणसी, 4 मई 2025, रविवार। वाराणसी के राजातालाब में शनिवार की शाम एक साधारण वाहन चेकिंग ने उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब एक दरोगा की गुस्ताखी ने सत्ताधारी भाजपा के कार्यकर्ताओं का खून खौला दिया। माजरा कुछ यूं था कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष अरविंद पटेल की कार पर “जिला उपाध्यक्ष” लिखा देखकर दरोगा ने न सिर्फ तंज कसा, बल्कि विरोध करने पर उन्हें “देख लेने” की धमकी तक दे डाली। यह अभद्रता भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए बर्दाश्त से बाहर थी।
बस फिर क्या, गुस्से से उबलते कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौके पर जुट गए। फ्लाईओवर के नीचे सड़क जाम कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। मामला इतना गरमाया कि भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा और एमएलसी धर्मेंद्र सिंह को खुद मोर्चा संभालने के लिए पहुंचना पड़ा। दोनों नेताओं ने पुलिस अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और सीधे पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के पास पहुंचकर दोषी चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग ठोक दी।
भाजपा के इस दबाव के आगे पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा। अब मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन भाजपा नेताओं ने साफ कर दिया है कि जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा। यह घटना न सिर्फ पुलिस की मनमानी को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि सत्ता के गलियारों में कार्यकर्ताओं का गुस्सा कितना ताकतवर हो सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या इस जांच से कोई सबक लिया जाएगा, या यह सिर्फ एक और औपचारिकता बनकर रह जाएगी? वाराणसी की सियासी गलियों में यह चर्चा जोरों पर है!