वाराणसी, 17 अप्रैल 2025, गुरुवार। वाराणसी कमिश्नरेट के चेतगंज, भेलूपुर और कैंट सर्किल में तीन एसीपी, नौ थानाध्यक्ष और 41 चौकी इंचार्ज पांच दिन की तलाशी के बाद भी एक भी हुक्का बार या स्पा सेंटर का पता लगाने में नाकाम रहे। यह स्थिति तब है, जब पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए थे कि अवैध गतिविधियों के अड्डे बन चुके इन ठिकानों पर त्वरित कार्रवाई की जाए। इस नाकामी से सवाल उठता है कि अगर हुक्का बार और स्पा सेंटर का पता ही नहीं लगाया जा सका, तो उनके खिलाफ कार्रवाई का सवाल ही कहां उठता?
हाल ही में लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र में 19 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना ने पुलिस प्रशासन को झकझोर दिया। जांच में खुलासा हुआ कि इस जघन्य अपराध में शामिल 14 आरोपियों में से ज्यादातर का ताल्लुक हुक्का बार और स्पा सेंटर से था। दो आरोपी तो खुद स्पा सेंटर चलाते थे। इस खुलासे के बाद एडीसीपी काशी जोन ने तत्काल कार्रवाई के लिए चेतगंज, भेलूपुर और कैंट सर्किल के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि मुखबिरों और आम लोगों की मदद से सभी चौकी इंचार्ज और थानाध्यक्ष इन अवैध ठिकानों का पता लगाएं। तीनों सर्किल के एसीपी को इन पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया। मगर, शनिवार से बुधवार तक चली तलाशी में पुलिस के हाथ खाली रहे। न एक हुक्का बार मिला, न ही कोई स्पा सेंटर।
एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी का कहना है कि पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और आम लोगों से भी सूचनाएं जुटाई जा रही हैं। उनका दावा है कि पुलिस की सख्ती के चलते हुक्का बार और स्पा सेंटर संचालक भूमिगत हो गए हैं। लेकिन यह दावा उस समय खोखला लगता है, जब पांच दिन की मेहनत का नतीजा शून्य हो।
जांच के नाम पर खानापूर्ति?
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देश पर काशी, वरुणा और गोमती जोन में होटल, रेस्टोरेंट और बार की गहन जांच की गई। काशी जोन में डीसीपी गौरव बंसवाल खुद फोर्स के साथ चेकिंग के लिए निकले। मगर, कहीं कोई अनियमितता नहीं मिली। पुलिस ने होटल, गेस्ट हाउस और बार संचालकों को चेतावनी दी कि उनके प्रतिष्ठानों में किसी भी तरह की अनैतिक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई होगी।
क्या है असल चुनौती?
यह विडंबना ही है कि इतने बड़े पुलिस अमले के बावजूद हुक्का बार और स्पा सेंटर जैसे ठिकाने पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। क्या ये संचालक वाकई भूमिगत हो गए हैं, या फिर पुलिस की रणनीति में कोई कमी है? शहर में ऐसी जगहों का खुलेआम संचालन और उनसे जुड़े अपराधों का बढ़ना चिंता का विषय है। वाराणसी जैसे सांस्कृतिक शहर में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस को और सतर्कता, सूझबूझ और प्रभावी रणनीति के साथ काम करना होगा। जनता की सुरक्षा और अपराध पर लगाम के लिए यह जरूरी है कि पुलिस न सिर्फ इन ठिकानों का पता लगाए, बल्कि उन पर कड़ी कार्रवाई भी करे।