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Thursday, April 25, 2024

बीरभूम हत्याकांड मामले में पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता को गिरफ्तार किया। 

बीरभूम हत्याकांड मामले में पुलिस ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता को गिरफ्तार किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त रुख अख्तियार करने और अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सहयोगियों सहित बीरभूम नरसंहार में शामिल सभी संदिग्धों को पकड़ने का आदेश देने के कुछ घंटे बाद, पुलिस ने गुरुवार को तीर्थनगरी तारापीठ स्थित एक होटल के पास से तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता अनारुल हुसैन को गिरफ्तार कर लिया।

इससे पहले दिन में, बनर्जी ने बोगतुई गांव का दौरा किया जहां आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार दिया गया था। बनर्जी ने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के साथ बात की और उन्हें मुआवजे के रूप में स्थायी सरकारी नौकरी और धनराशि की भी पेशकश की। बनर्जी ने कहा कि पुलिस दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने राज्य भर में अवैध हथियारों और बमों के गुप्त भंडार का पता लगाने का आदेश देकर अपने प्रशासन की एक बड़ी सफाई का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा, “पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट नरसंहार के लिए जिम्मेदार दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। अदालत में मामला दायर करने से पहले यह त्रुटिहीन होना चाहिए।”

 

बनर्जी टीएमसी नेता भादु शेख के घर भी गईं, जिनकी हत्या के बारे में संदेह है कि उसी के बाद यह घटना हुई। बनर्जी ने शेख के परिजनों को भी स्थायी सरकारी नौकरी और धनराशि देने की पेशकश की। बनर्जी ने कहा कि इस हत्याकांड के पीछे एक ‘‘बड़ी साजिश’’ हो सकती है।

उन्होंने पीड़ितों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि घायलों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने पुलिस को टीएमसी नेता और रामपुरहाट -1 सामुदायिक ब्लॉक इकाई के अध्यक्ष अनारुल हुसैन को यह कहते हुए गिरफ्तार करने का निर्देश दिया कि उन्होंने इलाके में संभावित अशांति के बारे में स्थानीय लोगों की आशंका पर उचित ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद यह घटना हुई।

 

बोगतुई गांव में सुरक्षा बढ़ाई गई

बनर्जी के निर्देश के बाद गुरुवार शाम बोगतुई गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई। जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोगतुई गांव में 50 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और ग्रामीणों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमलों और जवाबी हमलों के बाद पांच परिवारों के लगभग 69 लोग पड़ोसी गांवों में चले गए हैं।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक तथ्यान्वेषी समिति और लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव का दौरा किया। इन्हें पहले जाने से रोका गया था।

भाजपा की समिति में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृज लाल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह और बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार शामिल थे। समिति ने टीएमसी पंचायत पदाधिकारी की हत्या के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

गांव का दौरा करने के बाद मजूमदार ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम सामूहिक हत्या के बाद हालात का जायजा लेने के लिए यहां आए हैं। इस (टीएमसी) सरकार ने शासन करने का अपना नैतिक अधिकार खो दिया है। बोगतुई में जो हुआ वह मानवता के लिए शर्म की बात है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री दावा कर रही थीं कि सभी दोषियों को दंडित किया जाएगा। दूसरी ओर पुलिस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही

इस बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं के साथ एक स्वत: संज्ञान याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। वहीं राज्य सरकार ने सीबीआई या एनआईए जांच के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रहा है और उसे समय दिया जाना चाहिए।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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