दीपावली के बाद से देश की आबोहवा में जहर घुल चुका है। हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि, यहां सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को देश में हरियाणा के जींद की हवा सबसे खराब मापी गई। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार सुबह 458 पहुंच गया, जिसके बाद सीपीसीबी ने इसे अति गंभीर शहर वाली श्रेणी में रखा। विशेषज्ञों के मुताबिक, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक इतना खराब हो चुका है कि यहां की हवा सामान्य व्यक्ति को भी बीमार बना सकती है। इसके अलावा गाजियाबाद, नोएडा, सोनीपत का भी वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब मापा गया।
गाजियाबाद का एक्यूआई पहुंचा 456
जींद के बाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर 456 मापा गया। इसके अलावा नोएडा का एक्यूआई रविवार को 453 रहा। वहीं सोनीपत, फिरोजाबाद, बल्लबगढ़, वृंदावन, दिल्ली, बागपत की हवा भी काफी जहरीली मापी गई।
सिगरेट के धुएं से भी खतरनाक हुई हवा
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली-एनसीआर की हवा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि देश के जिन हिस्सो में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के ऊपर पहुंच चुका है। वहां की हवा सिगरेट के धुंए से भी खतरनाक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के चलते सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है, जिनको पहले से सांस सम्बंधित बीमारी है। इसके अलावा स्वस्थ्य लोगों को भी ध्यान रखने की जरूरत है।
शिलांग की हवा सबसे साफ
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में शिलांग की हवा सबसे साफ मापी गई। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार को 11 रहा। वहीं पुदुचेरी का एक्यूआई 25 रहा। इसके अलावा आइजोल में 26, चिकमंगलूर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 35 रहा।