प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की और भारत की ओर से पश्चिम एशिया में दीर्घकालिक शांति, स्थिरता और सुरक्षा को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को दोहराया। पीएम मोदी ने विशेष रूप से भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा (आईएमईईसी) को पूरा करने पर जोर दिया, जिसे क्षेत्रीय संपर्क और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर?
वहीं एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने क्षेत्रीय संपर्क और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (आईएमईसी) के कार्यान्वयन पर भी विशेष जोर दिया। एक अग्रणी पहल के रूप में पेश किए गए, आईएमईईसी में भारत, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और शिपिंग नेटवर्क की परिकल्पना की गई है, जिसका उद्देश्य एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिम के बीच एकीकरण सुनिश्चित करना है।
दिल्ली में जी20 के दौरान IMEEC को दिया अंतिम रूप
पिछले साल सितंबर में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईईसी को अंतिम रूप दिया गया था। कॉरिडोर के लिए भारत, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका और कुछ अन्य जी20 भागीदारों द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं।