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Wednesday, June 18, 2025

पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी की त्वरित कार्रवाई: दिल्ली एयरपोर्ट पर आपात बैठक

नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस जघन्य घटना, जिसमें 40 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए, के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्वरित और निर्णायक कदम उठाते हुए सऊदी अरब की अपनी राजकीय यात्रा को बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट आए। 23 अप्रैल 2025 की सुबह दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक बुलाई। यह बैठक भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया और रणनीतिक दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।

आतंकी हमले की गंभीरता और त्वरित प्रतिक्रिया

पहलगाम के बैसारन घाटी में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को हुए इस हमले को दशकों में सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। आतंकवादियों ने सेना की वर्दी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें दो विदेशी नागरिक (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय लोग सहित कम से कम 40 लोग मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, और खुफिया सूत्रों के अनुसार, इसका मास्टरमाइंड लश्कर का उप-प्रमुख सैफुल्लाह कसूरी हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और एक्स पर लिखा, “पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला निंदनीय है। मैं शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ। इस जघन्य कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को तत्काल श्रीनगर भेजा, जो हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी और पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं।

बैठक में क्या हुआ?

दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई इस उच्च-स्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी को एनएसए अजीत डोभाल ने हमले की पृष्ठभूमि, आतंकियों की घुसपैठ की संभावित रणनीति और खुफिया जानकारी के आधार पर स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। विदेश मंत्री जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक कदमों पर प्रकाश डाला। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वैश्विक नेताओं के समर्थन संदेशों और भारत के रुख को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बैठक में सुरक्षा रणनीतियों पर विशेष ध्यान दिया गया। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसारन क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है, जिसमें आतंकियों को पकड़ने के लिए कठिन पहाड़ी इलाकों में भी सघन जांच की जा रही है। इसके अलावा, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की एक और बैठक बुधवार को होने की संभावना है, जिसमें भारत की दीर्घकालिक रक्षा रणनीति और जवाबी कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और एकजुटता

पहलगाम हमले की गूंज वैश्विक मंच पर भी सुनाई दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई विश्व नेताओं ने इस हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। ट्रम्प ने कहा, “हम भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं।” पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई।

आगे की राह

पहलगाम हमला न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। पीएम मोदी की त्वरित वापसी, आपात बैठक, और वैश्विक समुदाय के साथ समन्वय यह दर्शाता है कि भारत इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक, देशवासियों का आक्रोश और एकजुटता इस संदेश को और मजबूत करती है कि भारत आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेगा।

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