नई दिल्ली, 29 मार्च 2025, शनिवार। 30 मार्च 2025 को गुड़ी पड़वा का दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बेहद खास होने वाला है। इस दिन वे महाराष्ट्र के नागपुर में होंगे, जहां एक साथ कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। यह दौरा न केवल विकास परियोजनाओं के लिहाज से अहम है, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ उनके गहरे जुड़ाव को भी रेखांकित करता है। आइए, इस खास यात्रा की झलक देखते हैं।
नेत्र चिकित्सा को नई रोशनी: माधव नेत्रालय की नींव
प्रधानमंत्री मोदी इस दिन नागपुर में एक अत्याधुनिक नेत्र अस्पताल और अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखेंगे, जिसका नाम होगा माधव नेत्रालय। यह संस्थान संघ के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर की स्मृति में बनाया जा रहा है। 2014 में शुरू हुआ यह नेत्र चिकित्सा केंद्र अब अपने नए विस्तार के साथ और भी बड़ा रूप लेने जा रहा है। इसमें 250 बिस्तर, 14 ओपीडी और 14 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसका मकसद है आम लोगों को किफायती दामों पर विश्वस्तरीय नेत्र चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराना। यह परियोजना स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगी।
संघ के संस्थापकों को श्रद्धांजलि
गुड़ी पड़वा, जिसे हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है, संघ के लिए विशेष महत्व रखता है। इस मौके पर पीएम मोदी आरएसएस के पहले सरसंघचालक केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा, वे स्मृति मंदिर का दौरा भी कर सकते हैं, जहां हेडगेवार और गोलवलकर की समाधियां स्थित हैं। यह दौरा संघ के शताब्दी वर्ष में और भी खास बन जाता है। इतना ही नहीं, पीएम दीक्षाभूमि भी जाएंगे, जहां 1956 में डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। यहां वे बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
रक्षा और विकास का संगम
इस दौरे का एक और आकर्षण होगा सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड की गोला-बारूद सुविधा का दौरा। यह कदम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम साबित होगा। पीएम का यह कदम नागपुर को औद्योगिक और रणनीतिक रूप से और मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संघ मुख्यालय का ऐतिहासिक दौरा
नरेंद्र मोदी और संघ का रिश्ता जगजाहिर है, लेकिन पीएम बनने के बाद उनका संघ मुख्यालय जाना बेहद कम देखा गया है। इस बार वे नागपुर स्थित संघ मुख्यालय का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। सूत्रों के मुताबिक, स्मारक समिति की ओर से भैयाजी जोशी उनका स्वागत करेंगे। यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यह संघ के 100 साल पूरे होने का वर्ष है। भाजपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि मोदी पहले एक प्रचारक के तौर पर यहां आए थे, लेकिन पीएम बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी। 1972 में प्रचारक बने मोदी अक्टूबर 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उसके बाद वे कभी संघ मुख्यालय नहीं गए।
क्यों है यह दौरा अहम?
यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं है। यह विकास, संस्कृति और इतिहास का संगम है। एक तरफ जहां नेत्र चिकित्सा और रक्षा क्षेत्र में नई पहल शुरू होगी, वहीं दूसरी तरफ संघ के साथ पीएम के रिश्ते और उनके प्रचारक से प्रधानमंत्री तक के सफर की झलक भी दिखेगी। नागपुर, जो संघ का गढ़ माना जाता है, इस दिन एक बार फिर सुर्खियों में होगा।
30 मार्च का यह दिन निश्चित रूप से नागपुर के लिए यादगार बनने जा रहा है। पीएम मोदी के कदम जहां विकास की नई इबारत लिखेंगे, वहीं इतिहास के पन्नों में भी एक सुनहरा अध्याय जोड़ेंगे।