वाराणसी, 21 सितंबर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस को अपना संसदीय क्षेत्र इसलिए चुना था, क्योंकि यूपी उनके विशेष एजेंडे में था। वह अपने कार्यकाल में यह साबित भी करते नजर आए हैं। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम पद संभाल रहे हैं। उनके नेतृत्व में लागू की गई योजनाओं से न सिर्फ उत्तर प्रदेश को ताकत मिली है, बल्कि केंद्र की योजनाओं के कारण यूपी में विकास के नए पंख लगे हैं। इन्हीं विकास की योजनाओं के तहत वाराणसी में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे का कार्य प्रगति पर है। इस कार्य की प्रगति समीक्षा के दौरान वीडीए के सचिव पुलकित गर्ग ने बिजली निगम ने अपने खंबे, कंडक्टर और तारों की शिफ्टिंग के लिए 10 दिन का समय दिया है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी और जल निगम ने लाइनों शिफ्टिंग, रोड कटिंग आदि का कार्य न किए जाने पर नाराजगी जताई है।
देव दीपावली तक रोपवे की एक लाइन को शुरू करने की तैयारी थी। लेकिन अभी तक जलकल, बिजली और पेयजल से जुड़े विभाग आधी अधूरी शिफ्टिंग का कार्य ही पूरा कर पाए है। जिसके कारण शहर के व्यस्तम चौराहें गिरजाघर पर रोपवे के पिलर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। लिहाजा, वीडीए सचिव ने रोपवे परियोजना की समीक्षा दौरान बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि रोपवे निर्माण में बाधक बन रहे बिजली के खंबे, फसाड लाइट, कंडक्टर आदि अगले दस दिनों में कैंट स्टेशन से गोदौलिया रोपवे के रुट से हटा लिए जाएं। उन्होंने 30 सितंबर इसके लिए डेडलाइन निर्धारित की है।
वीडीए सचिव पुलकित गर्ग ने रोड कटिंग और लाइन शिफ्टिंग कार्य धीमी गति से करने को लेकर जलनिगम और पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों को फटकार लगाई। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में हीलाहवाली कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें, रोपवे के शहर में बन रहे टावर और स्टेशन का निर्माण NHLML कंपनी कर रही है। वीडीए अधिकारीयों के अनुसार कंपनी कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर गोदौलिया चौराहे तक निर्माणधीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में रोपवे को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चला रही है। अधिकारियों के अनुसार स्थानीय विभागों द्वारा दिए गए कामों को समय से ना करने पर निर्माण कार्य में देरी हो रही है। ऐसे में वीडीए सचिव ने नाराजगी जाहिर की है।
वाराणसी में देश का पहला अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट बन रहा है। पहले चरण का 70 प्रतिशत काम पूरा भी हो गया है। पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के बीच कुल 18 टावर लगाए जाने हैं। इनमें से 12 टावर खड़े हो चुके हैं। दूसरे चरण में रथयात्रा से गोदौलिया के बीच काम शुरू हो गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट में कुल 28 टावर खड़े होंगे। 4 स्टेशन बनेंगे और 807 करोड़ रुपए लागत आएगी। इस सुविधा के तहत 750 यात्री 15 मिनट में कैंट से गोदौलिया पहुंचकर बाबा विश्वनाथ और मां गंगा का दर्शन कर सकेंगे। एक घंटे में एक साथ 6000 लोग यात्रा करेंगे। घरों के ऊपर से केबल कार गुजरेगी। सिटी का एरियल व्यू दिखेगा। बता दें, वाराणसी में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। हालांकि, रोपवे परियोजना से इस समस्या से काफी राहत मिलेगी। यह परियोजना ट्रैफिक का लोड कम करने में बहुत कारगर साबित होगी।