सैन्य व सुरक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भर भारत को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार अब विदेश से आयात होने वाले हथियारों और कई रक्षा आयात परियोजनाओं को स्थगित करने जा रही है।
सरकार की यह पहल ऐसे समय में आई है जब केंद्र नई रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति लेकर आ रहा है, जो देश के भीतर रक्षा उत्पादन को मजबूत करने और मित्र देशों को उनके निर्यात में मदद करने के लिए आगे का रास्ता तय करेगी।
बुधवार को रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक होने वाली है जो वर्चुअली आयोजित की जाएगी। इस बैठक में खरीद (वैश्विक) श्रेणी के तहत सभी आयात परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इस बात की संभावना है कि बैठक में इन परियोजनाओं को रद्द किया जा सकता है या फिर स्थगित करने संबंधित कोई बड़ा और अहम फैसला लिया जा सकता
बाय ग्लोबल कैटेगरी (Buy Global category) का मतलब है कि रक्षा बल विदेशी कंपनियों से पूरी तरह से वस्तु का आयात कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, अब पहली प्राथमिकता भारत में विकसित डिजाइन और निर्मित (आईडीडीएम) उत्पादों के अधिग्रहण को दी जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारतीय रक्षा कंपनियों को कई हजार करोड़ की परियोजनाएं दी जाएंगी। इस निर्णय का मतलब यह होगा कि भारतीय नौसेना, वायु सेना और सेना की बड़ी संख्या में परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिनमें भारतीय नौसेना की कामोव हेलीकॉप्टर अधिग्रहण जैसी परियोजना काफी उन्नत अवस्था में हैं।
सरकार के इस नए फैसले से फाइटर प्लेटफॉर्म, बंदूकें और जहाजों सहित विमान से संबंधित कई परियोजनाएं प्रभावित होने जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद यह पहल हो रही है। यह महसूस किया गया कि देश को रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।