प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद और साइबर, समुद्री व अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में संघर्ष के नए क्षेत्रों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के समिट फॉर फ्यूचर में इस्राइल-हमास युद्ध व यूक्रेन संकट समेत दुनियाभर में संघर्षों की पृष्ठभूमि में पीएम मोदी ने कहा, मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। दुनिया में शांति व विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी है।
दुनियाभर से आए नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, नमस्कार। मैं संयुक्त राष्ट्र में 1.4 अरब भारतीयों या मानवता के छठे हिस्से की आवाज को उठाता हूं। आज जब हम वैश्विक भविष्य पर चर्चा कर रहे हैं, हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। अपने पांच मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि बीते साल नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना इस दिशा में एक अहम कदम था। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, खाद्य व सेहत सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, जून में अभी-अभी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है और मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं। जब हम ग्लोबल फ्यूचर के बारे में बात कर रहे हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सर्वप्रथम होनी चाहिए। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए, हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। हमने भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।