स्वतंत्रता दिवस पर इस बार 11 श्रेणियों के तहत 18 हजार मेहमान आकर्षण का केंद्र हैं। खास बात यह है कि इनमें से 6 हजार खास मेहमान महिला, किसान, युवा और गरीब वर्ग के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से देश को विकास का संदेश दे रहे हैं और उन्होंने 2047 तक देश को विकसित बनाने लिए अपना विजन जनता के सामने रखा।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब लालकिले से कहा जाता है कि बिजली समयसीमा में पहुंचाएंगे, तो हिंदुस्तान सो जाता है। जब ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंच जाती है तो सामान्य मानवी का भरोसा बढ़ जाता है। परिवार के अंदर स्वच्छता का वातावरण बन जाए, भारत में आई नई चेतना का प्रतीक हैं। तीन करोड़ परिवार ऐसे हैं जिन्हें नल से जल मिलता है। जल जीवन मिशन के तहत कम समय में 18 करोड़ परिवारों तक पानी पहुंच रहा है। दलित, पीड़ित, आदिवासी, गरीब भाई-बहन इन चीजों के अभाव में जी रहे थे। हमने प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने का जो प्रयास किया, परिणाम मिला है। लोकल फॉर वोकल का मंत्र दिया, आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट का माहौल बना है। भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने, ग्लोबल वार्मिंग की चिंता किए बगैर हमने काम किया है। यही देश है जहां आततायी आतंकी आकर हमें मारकर चले जाते थे, आज देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, सीना गर्व से चौड़ा ह जाता है।’
मैंने सपना देखा है कि जब देश विकसित भारत हो तो सामान्य मानविकी में सरकार का दखल कम हो। मेरे प्यारे देशवासियों, हम छोटी छोटी जरूरतों और आवश्यकताओं पर भी ध्यान देते हैं। गरीब का चूल्हा जलता रहा, गरीब के इलाज की सुविधा दी गई है। जब सैचुरेशन होता है तो जाति-धर्म का भेद नहीं होता है। लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, उसके लिए हमने कई कदम उठाए हैं। हमने देशवासियों के लिए डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया है। हमने छोटे-छोटे कानूनों से जेल जाने के प्रावधान से बाहर कर दिया है। सदियों से हमारे पास जो आपराधिक कानून थे, उन्हें आज हमने न्याय संहिता के रूप में पेश किया है। दंड नहीं न्याय को आधार बनाया है। मैं जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ईज ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाने चाहिए।’