देश को नया संसद भवन मिल चुका है। पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका उद्घाटन किया। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है।
प्रधानमंत्री बोले ‘आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद कीइस नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था। राजाजी और आदिनम के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। तमिलनाडु से विशेष तौर पर आए हुए आदिनम के संत आज सुबह संसद भवन में हमें आशीर्वाद देने उपस्थित हुए। मैं उन्हें पुनः नमन करता हूं। उनके ही मार्गदर्शन में लोकसभा में यह पवित्र सेंगोल स्थापित हुआ है। बीते दिनों में मीडिया में इससे जुड़ी काफी जानकारी प्रकाशित हुई है। मैं मानता हूं कि यह हमारा सौभाग्य है कि इस पवित्र सेंगोल की गरिमा हम लौटा सकें।’
पीएम ने कहा कि ‘यह नया भवन नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का भी आदर्श है। साथियों नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत, नए लक्ष्य तय कर रहा है। नए रास्ते गढ़ रहा है। नया जोश है, नई उमंग है। नया सफर है, नई सोच है। दिशा नई है, संकल्प नया है। और आज फिर एक बार पूरा विश्व भारत को भारत के संकल्प की दृढ़ता को, भारतवासियों की प्रखरता को, भारत की जनशक्ति की जीजीविषा को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है। जब भारत आगे बढ़ता है, तो विश्व आगे बढ़ता है। संसद का नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा।’
पीएम मोदी ने कहा कि ‘साथियों ये सिर्फ एक भवन नहीं है। यह 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। यह विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता है। हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर है। यह नया संसद भवन योजना को यथार्थ से, नीति को निर्माण से, इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से, संकल्प को सिद्धी से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगा। यह नया भवन नए भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा।’