प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दोपहर करीब पौने चार बजे जालंधर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले रविवार को पीएम मोदी ने नई दिल्ली में पंजाब के ब्यास स्थित राधा स्वामी सत्संग डेरा के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात की थी। डेरा ब्यास मुखी से पीएम मोदी की मुलाकात से पंजाब की सियासत में एक नई हलचल बढ़ गई है। इस मुलाकात से कई अंदाजे लगाए जा रहे हैं।
दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमृतसर में अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ मुलाकात की थी। केंद्रीय गृह मंत्री रविवार को अपने अमृतसर दौरे के बीच में जत्थेदार से मिलने पहुंचे थे। बंद कमरे में हुई इस बैठक में कौन-कौन से मुद्दों पर बात हुई, पूरी तरह से गुप्त रखी जा रही है। बैठक में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे। बैठक के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बैठक में उपस्थित अन्य लोगों को सिरोपा पहना कर सम्मानित भी किया।
राधास्वामी डेरा
ब्यास स्थित राधास्वामी डेरे का पूरे पंजाब में मजबूत आधार है। पंजाब ही नहीं, कई राज्यों से लेकर विदेश तक में डेरे के समर्थक फैले हैं। पंजाब ही नहीं, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में सभी जिलों में इनके सत्संग घर बने हैं। बाबा जैमल सिंह जी ने 1891 में डेरे की स्थापना की थी। यह डेरा हमेशा से सियासत से दूर रहा। समर्थकों की बड़ी तादाद के बावजूद डेरा चुनावों पर हमेशा मौन रहा। इस डेरे का राजनीतिक विंग काफी मजबूत है। खुले तौर पर किसी की मदद की घोषणा नहीं की जाती लेकिन डेरे का जमीनी स्तर पर संगठन है, वहां तक संदेशा पहुंचता है कि किस उम्मीदवार की मदद करनी है। कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिंदर सिंह केपी भी इस डेरे के समर्थक हैं। सीएम चन्नी पदभार लेने के बाद दो बार डेरे पर जाकर आशीर्वाद ले चुके हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का भी डेरे में प्रभाव है।