नई दिल्ली, 4 मई 2025, रविवार। पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को एक बार फिर चरम पर पहुंचा दिया है। इस हमले ने न केवल देश को झकझोरा, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। रविवार को पीएम मोदी ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के साथ एक अहम वन-टू-वन मुलाकात की, जिसमें पहलगाम हमले के बाद वायुसेना की तैयारियों और रणनीति पर गहन चर्चा हुई। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में सटीक हवाई हमला कर आतंकवाद को करारा जवाब दिया था।
पहलगाम हमला: एक गहरी चोट
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को दहला दिया। आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए 26 लोगों पर गोलियां बरसाईं, जिसमें 26 लोगों की जान गई और कई घायल हुए। पुलवामा के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए और भारत की जवाबी कार्रवाई की मांग को तेज कर दिया।
पीएम का एक्शन मोड: सेना प्रमुखों से लगातार मुलाकात
पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी ने तेजी से कदम उठाए। सऊदी अरब की यात्रा को बीच में छोड़कर 23 अप्रैल को भारत लौटते ही उन्होंने एयरपोर्ट पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, विदेश मंत्री और विदेश सचिव के साथ बैठक की। इसके बाद पीएम ने लगातार सेना के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की:
- वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के साथ रविवार को मुलाकात।
- नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के साथ शनिवार को चर्चा, जिसमें अरब सागर के महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की स्थिति पर बात हुई।
- सेना प्रमुख के साथ बुधवार रात वन-टू-वन बैठक।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ 28 और 29 अप्रैल को बैठकें।
- कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की 23 और 30 अप्रैल को दो अहम बैठकें।
29 अप्रैल को हुई हाई-लेवल बैठक में पीएम ने रक्षा मंत्री, NSA, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा की समीक्षा की। इस बैठक में पीएम ने सेना को आतंकवाद और उसके सरपरस्तों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए खुली छूट दी। पीएम ने स्पष्ट किया कि सेना को ऑपरेशन की पूरी स्वतंत्रता है—जब चाहे, जैसे चाहे, आतंकवाद को कुचलने के लिए कदम उठाए जाएं।
वायुसेना की ताकत: राफेल और बालाकोट का सबक
वायुसेना प्रमुख के साथ पीएम की मुलाकात का विशेष महत्व है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई थी। इसके बाद से वायुसेना ने अपनी मारक क्षमता को और मजबूत किया है। राफेल जेट्स, जो पिन-पॉइंट सटीकता वाली मिसाइलों से लैस हैं, और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों ने वायुसेना को और घातक बनाया है। पहलगाम हमले के बाद यह मुलाकात संकेत देती है कि भारत किसी भी आक्रामक जवाब के लिए पूरी तरह तैयार है।