प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। पीएम ने यह भी कहा कि वासुकिताल क्षेत्र के साथ ही आस पास के क्षेत्रों को नए लोकेशन के रूप में विकसित किया जाए।
पीएम ने कहा कि स्थानीय जनभावना के अनुरूप ईशानेश्वर मंदिर के पुन: निर्माण, आस्था चौक पर ऊॅ कार की प्रतिमा स्थापित करें, शंकराचार्य समाधि एवं शिव उद्यान के डिजाइन में जन भावनाओं के अनुरूप संशोधन किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारपुरी में फेज दो के 113.92 करोड़ के प्रोजेक्ट के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री से समय दिए जाने का अनुरोध किया।
इस पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को इसके लिए जल्द समय दिए जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ में 2013 में आई आपदा के बाद प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी एक नई सुरक्षित एवं सुविधा युक्त धार्मिक व आध्यात्मिक नगरी के रूप में निर्मित हो रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि केदारनाथ धाम सुनियोजित आधुनिक संसाधनों से युक्त इकों फ्रेंडली टाउन के रूप में विकसित हो रही है।
सीएम ने यह भी बताया कि बद्रीनाथ को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए पहले चरण के 245 करोड़ की योजना के कार्यों को शुरू करने के लिए 22 राजकीय भवनों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का निर्णय राज्य की कैबिनेट द्वारा लिया जा चुका है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के प्रथम चरण के कार्य पूरे हो चुके हैं।
इसमें टेंपल प्लाजा, एराइवल प्लाजा, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी पर सुरक्षा दीवार निर्माण, पांच घाटों का निर्माण, मंदाकिनी रिवर फ्रंट के कार्य, पांच गेस्ट हाउसों का निर्माण, तीन ध्यान गुफाओं का निर्माण पूरा हो चुका है। आदि शंकराचार्य की गुफा का निर्माण कार्य गतिमान है। जबकि दूसरे चरण में 113.92 करोड़ के 13 कार्यों पर भी कार्यवाही गतिमान है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत आदि मौजूद रहे।
केदारनाथ से आठ किमी दूर है वासुकिताल
केदारनाथ से वासुकिताल 8 किमी दूरी पर एवं 4135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है और चौखंबा शिखरों का उत्कृष्ट नजारा प्रदर्शित करता है।