नई दिल्ली, 23 मई 2025, शुक्रवार। सिंदूर, भारतीय संस्कृति में केवल एक श्रृंगार नहीं, बल्कि एक गहन धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतीक है। हिंदू परंपरा में, विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं, जो पति की दीर्घायु, प्रेम, और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह लाल रंग न केवल सौभाग्य और सुरक्षा का द्योतक है, बल्कि स्त्री की शक्ति और पति परायणता को भी दर्शाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंदूर मंगलसूत्र के साथ मिलकर वैवाहिक बंधन को पवित्र बनाता है और मां पार्वती के आशीर्वाद का प्रतीक है।
सांस्कृतिक रूप से, सिंदूर भारतीय नारी की पहचान और गर्व का हिस्सा है। यह नारीत्व, साहस और प्रेम की कहानी कहता है। आध्यात्मिक दृष्टि से, यह जीवन शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है, जो चक्रों (विशेषकर आज्ञा चक्र) को जागृत करने में सहायक माना जाता है।
वैश्विक मंच पर इस प्रतीक को गौरवान्वित करने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बनीं, जिन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर सिंदूर लगाकर भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। यह कदम न केवल उनकी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति निष्ठा को दर्शाता है, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की भावना को भी एक श्रद्धांजलि है। यह ऑपरेशन भारतीय मूल्यों को विश्व पटल पर ले जाने का प्रतीक बन गया है। ऐश्वर्या का यह साहसिक कदम न केवल भारतीय नारी की शक्ति को रेखांकित करता है, बल्कि विश्व को यह संदेश देता है कि परंपरा और आधुनिकता का संगम ही भारत की असली ताकत है।