नई दिल्ली, 9 नवंबर 2024, शनिवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को याद करते हुए एक भावुक लेख लिखा है। उन्होंने रतन टाटा की जिंदगी, उनके व्यक्तित्व और देश के लिए उनके योगदान को याद किया है। पीएम मोदी ने कहा कि रतन टाटा जी के निधन से पूरा देश दुखी है, चाहे वो उद्योगपति हों, उद्यमी हों या समाज सेवा से जुड़े लोग। वे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन और व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके। रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है। उनकी कमी आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक महसूस की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे भारतीय उद्यमशीलता के एक महान प्रतीक थे। उन्होंने विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा के मूल्यों को अपनाया और टाटा समूह को दुनिया भर में सम्मान और विश्वसनीयता का प्रतीक बनाया। उन्होंने अपनी उपलब्धियों को विनम्रता से स्वीकार किया और दूसरों के सपनों को पूरा करने में सहयोग किया। रतन टाटा ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मार्गदर्शन दिया और युवा आंत्रप्रेन्योर की आशाओं और आकांक्षाओं को समझा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया। उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है। रतन टाटा जी ने हमेशा बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट और सर्विस पर जोर दिया और भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया। आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं। उनकी महानता बोर्डरूम या सहयोगियों की मदद करने तक ही सीमित नहीं थी। सभी जीव-जंतुओं के प्रति उनके मन में करुणा थी। जानवरों के प्रति उनका गहरा प्रेम जगजाहिर था और वे पशुओं के कल्याण पर केंद्रित हर प्रयास को बढ़ावा देते थे। उनका डॉग गोवा भी उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था और जब लोग उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ रहे थे, तो गोवा भी वहां नम आंखों के साथ पहुंचा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका जीवन यह साबित करता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की क्षमता से भी किया जाता है। रतन टाटा जी ने हमेशा नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा। 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद मुंबई के ताज होटल को फिर से खोलने का उनका निर्णय इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था। व्यक्तिगत तौर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें रतन टाटा जी को करीब से जानने का सौभाग्य मिला। उन्होंने गुजरात में साथ मिलकर काम किया और केंद्र सरकार में आने के बाद भी उनकी घनिष्ठ बातचीत जारी रही। स्वच्छ भारत मिशन के प्रति रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के दिल को छू गया था। वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे और स्वच्छता और स्वस्थ आदतों के महत्व को समझते थे। कैंसर के खिलाफ लड़ाई भी रतन टाटा के दिल के करीब थी। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा और कैंसर संबंधी देखभाल को सुलभ और किफायती बनाने के लिए काम किया, जो उनकी संवेदना का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को एक विद्वान व्यक्ति के रूप में याद किया, जो अक्सर उन्हें विभिन्न मुद्दों पर लिखते थे। रतन टाटा ने वडोदरा में सी-295 विमान फैक्ट्री की स्थापना की, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने स्पेन सरकार के राष्ट्रपति के साथ किया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा की कमी महसूस होती है, लेकिन उनकी विरासत जीवित है। उन्होंने एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जहां व्यापार अच्छे कार्यों के लिए एक शक्ति के रूप में काम करे और प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को महत्व दिया जाए। भारत को बेहतर बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां रतन टाटा की आभारी रहेंगी।