वाराणसी, 18 नवंबर 2024, सोमवार: दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से प्रशिक्षु छात्रों के भरोसे है। ओपीडी के बाहर और काउंटर पर पर्चा जमा करने और मरीजों को बुलाने की जिम्मेदारी इन्हीं की है। यहीं नहीं, पैथालॉजी में मरीजों का खून भी छात्र ही निकाल रहे हैं।
नियमानुसार लैब टेक्नीशियन या पैथालॉजी के बारे में प्रशिक्षित व्यक्ति ही सैंपल ले सकता है, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसकी परवाह नहीं कर रहा है। जिला अस्पताल में हर दिन 1200 से अधिक मरीज आते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था इतनी दुरुस्त नहीं है कि मरीजों को सही से इलाज मिल सके।
फार्मेसी कॉलेजों के छात्र-छात्राएं सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक अस्पताल में प्रशिक्षण लेने आते हैं। फार्मासिस्ट के कार्यों की जानकारी छात्रों को लेनी होती है, लेकिन व्यवस्थागत काम लिए जाते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि प्रशिक्षण के लिए आने वाले छात्रों से वही कार्य लिया जाना है, जिसका वो कोर्स कर रहे हैं। पैथालॉजी के किसी जिम्मेदार कर्मचारी के वहां रहे बिना ब्लड नहीं निकालना चाहिए। फार्मेसी छात्र पर्चा जमा करने, नाम बुलाने का काम क्यों कर रहे हैं, खून का सैंपल किस परिस्थिति में निकलवाया जा रहा है, इस बारे में सीएमएस से जानकारी मांगी जाएगी।