नई दिल्ली, 25 फरवरी 2025, मंगलवार। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ विरोधियों पर जमकर बरसे। उन्होंने महाकुंभ के खिलाफ बोलने वालों पर भी तगड़ा निशाना साधा। सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वो मिला। गिद्धों को लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली… जबकि, संवेदनशील लोगों को रिश्तो की सुंदर तस्वीर मिली, सज्जनों को सज्जनता मिली, व्यापारियों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली… जिसकी जैसी नियत थी, दृष्टि थी, उसको वैसा मिला। असल में उन्होंने बयान के जरिये विरोधियों के खिलाफ तंज कसा है। कुंभ के दौरान भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
योगी के बयान के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कुंभ के दौरान की एक तस्वीर शेयर की। जिसमें एक तरफ एंबुलेंस और लोगों की भारी भीड़ दिख रही। अखिलेश ने कहा कि ‘… लेकिन महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा उन्हें न तो अपने उन परिवारवालों का नाम मृतकों की सूची में मिला, जो हमेशा के लिए खो गये और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में। कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्मप्रचार का माध्यम मिला लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी।’
अखिलेश ने आगे कहा कि अशोभनीय कथनों का उच्चारण बताता है कि मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए शब्दों के रूप में प्रकट होती है। ‘महाकुंभ’ जैसे पावन-पवित्र धार्मिक-आध्यात्मिक पर्व के संबंध में बोलते समय शब्दों का चयन, इस अवसर के मान और प्रतिष्ठा के अनुकूल होना चाहिए। महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है। ऐसे कथनों से जिन सुधीजनों को ठेस पहुँची है, उनसे निवेदन है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें न कि आक्रोश की।