नई दिल्ली, 11 फरवरी 2025, मंगलवार। हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 फरवरी से फाल्गुन मास शुरू हो रहा है। इस महीने की अंतिम तिथि फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को है, जिस दिन होलिका दहन भी होगा। फाल्गुन मास का महत्व ऋतु परिवर्तन और नई फसल आने की खुशी में मनाई जाने वाली होली से जुड़ा हुआ है।
होली की कहानी पौराणिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि इस तिथि पर भक्त प्रहलाद को मारने के लिए होलिका उसे लेकर आग में बैठ गई थी, लेकिन विष्णु कृपा से प्रहलाद तो बच गया, लेकिन होलिका जल गई और धर्म की जीत हुई। इसी जीत की खुशी में होली का पर्व मनाया जाता है।
फाल्गुन मास का महत्व ऋतु परिवर्तन से भी जुड़ा हुआ है। इस समय में शिशिर ऋतु खत्म होने लगेगी और वसंत ऋतु शुरू होगी। वसंत ऋतु के आते ही प्रकृति में नयापन आने लगता है। मौसम न ज्यादा ठंडा रहता है और न ही ज्यादा गर्म रहता है। इन दिनों में मन शांत रहता है। ऐसा मौसम भक्ति और ध्यान के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
फाल्गुन मास में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें होली, महाशिवरात्रि और फाल्गुन पूर्णिमा शामिल हैं। इन पर्वों का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूप से है।