पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को आज फिर निराशा हाथ लगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद साफ हो गया कि फिलहाल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा। 45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का ये सही वक्त नहीं है।
आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.19 रुपये और डीजल की कीमत 88.62 रुपये प्रति लीटर है। इधर आपके लिए ये जानना जरूरी है कि इस कीमत में से आधे से ज्यादा पैसा कंपनियों के पास नहीं, बल्कि टैक्स के रूप में केंद्र और राज्य सरकार के पास जाता है।
निर्मला ने कहा कि कुछ जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। ये दवाएं कोरोना से जुड़ी नहीं हैं लेकिन बेहद महंगी है।
उन्होंने कहा, मैं ऐसी दो दवाओं के नाम ले रही हूं जो बेहद महंगी हैं। ये हैं जोलगेंज्मा और विलटेस्पो। इन दोनों की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। काउंसिल ने इन पर जीएसटी में छूट देने का फैसला लिया है।
जीएसटी काउंसिल ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल दवाओं पर जीएसटी में छूट 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। इसके अलावा कैंसर के इलाज में इस्तेमाल दवा पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दी है।
दिव्यांगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वाहनों की रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।
तेल कंपनियों द्वारा सप्लाई किया जाने वाला बायोडीजल, जिसे डीजल में मिलाया जाता है, उस पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी किया गया है।