वाराणसी, 11 नवंबर 2024, सोमवार। बीएचयू में कुलपति के विशेषाधिकार के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है। यह याचिका बीएचयू एक्ट के नियम 7 सी 5 के तहत कुलपति द्वारा लिए गए फैसलों के खिलाफ है, जिसमें तीन साल से बिना एग्जीक्यूटिव काउंसिल के लिए गए फैसलों की जांच की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकृत कर लिया है और 5 दिसंबर को सुनवाई होगी।
बीएचयू एक्ट में सेवेन-सी (5) में आपातकाल में कुलपति को विशेषाधिकार दिया गया है, लेकिन इसके लिए अगली ईसी की बैठक में वैधता देनी होती है। लेकिन बीएचयू में तीन साल से कोई ईसी नहीं है।
हरिकेश बहादुर सिंह ने यह जनहित याचिका दायर की है और कहा है कि इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के तहत बहुत ज्यादा पैसे खर्च किए गए हैं और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति से भी शिकायत की है कि विश्वविद्यालय में बिना ईसी के वित्त, निवेश, प्रॉपर्टी पर कई फैसले हुए हैं और जमकर खर्चे हो रहे हैं।