नई दिल्ली, 22 नवंबर 2024, शुक्रवार। राजस्थान में 90 लाख लाभार्थियों की दो माह से अटकी पेंशन को लेकर सियासी वार-पलटवार तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पेंशन की राशि में बढ़ोतरी का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी का कानून उनकी पूर्ववर्ती सरकार ने बनाया था। जबकि भाजपा सरकार का कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने आखिरी समय में यह व्यवस्था लागू की थी और लाभार्थियों को बढ़ी हुई राशि का फायदा उनकी सरकार दे रही है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि सबसे पहले इनको पेंशन का काम करना चाहिए। पेंशन लेने वाले सामान्य लोग नहीं हैं। वो बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगजन हैं। सरकार को चाहिए कि इसे प्राथमिकता से लेकर तुरंत पेंशन दे। हमने हर साल सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 15 फीसदी बढ़ोतरी का कानून बनाया। अब इनकी सरकार आने के बाद इस राशि में बढ़ोतरी होनी ही थी। उन्होंने ऐसा माहौल बनाया। जैसे इन्होंने कोई सौगात दी हो, जबकि वो कानून हमारे वक्त का था। जिसे इन्हें लागू करना ही था। अब सरकार लोगों को इसका फायदा तो दे।
दूसरी ओर, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं करती है। कांग्रेस ने काम किया नहीं, इसलिए जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया। उन्होंने तो सिर्फ घोषणाएं की थी। उन्हें धरातल पर लाने का काम हमारी सरकार ने किया है। हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 15 फीसदी बढ़ाई है और लोगों को इसका फायदा भी दिया है। उन्हें जो काम पहले करने चाहिए थे। वो काम उन्होंने आखिरी समय में किए। हमारी सरकार घोषणाओं को धरातल पर लाई है।
प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 90,30,287 कुल लाभार्थी हैं। इन्हें हर महीने 1150 रुपए की पेंशन मिलती है। इसमें हर साल 15 फीसदी राशि की बढ़ोतरी का प्रावधान है।