वाराणसी, 22 जून 2025, रविवार: आयुष्मान कार्ड की सुविधा का वादा कर मरीज से मोटी रकम वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिकायत मिलते ही प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद बड़ागांव के नयेपुर में संचालित आशा अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया। इस घटना से अन्य निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है।
मंत्री की जनसुनवाई में उजागर हुआ घोटाला
शनिवार को वाराणसी पहुंचे प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना प्रधानमंत्री के क्षेत्रीय जनसंपर्क कार्यालय में जनसुनवाई कर रहे थे। तभी सुरेंद्र वनवासी ने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि उनके पिता की तबीयत बिगड़ने पर बड़ागांव के आशा अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया कि आयुष्मान कार्ड की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन इलाज के नाम पर उनसे 32,400 रुपये नकद वसूल लिए गए।
मंत्री की फटकार, तुरंत शुरू हुई जांच
मंत्री खन्ना ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी को तत्काल जांच के आदेश दिए। सीएमओ ने प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. शेर मोहम्मद को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। जिसके बाद डॉ. मोहम्मद और बड़ागांव थाने की पुलिस ने अस्पताल पर छापा मारा।
अवैध अस्पताल का खुलासा, सील और मुकदमा
जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आशा अस्पताल का कोई पंजीकरण ही नहीं था। इसके बावजूद यह आयुष्मान कार्ड के नाम पर मरीजों से ठगी कर रहा था। कार्रवाई के तहत अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया और मरीज से वसूले गए पैसे वापस कराए गए। साथ ही, प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ फूलपुर थाने में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
अन्य अस्पतालों में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई ने वाराणसी के निजी अस्पतालों में खलबली मचा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि आयुष्मान योजना के दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। सीएमओ डॉ. चौधरी ने कहा, “मरीजों के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी अस्पतालों की जांच तेज कर दी गई है।”