एलओसी से सटे बट्टल क्षेत्र में छिपे आतंकियों का खात्मा करने के लिए सेना का एक बड़ा अमला तैनात किया गया है। हालांकि पहले से उक्त क्षेत्र में सेना की तीन यूनिटें तैनात हैं। आतंकियों के जंगल में छिपे होने की आशंका पर पैरा कमांडो उतारे गए हैं। टैंकों और ड्रोन की मदद से जंगल को खंगाला जा रहा है।
सेना के 500 से अधिक जवान सर्च आपरेशन में लगे हैं। आसपास के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। गांव बट्टल और आसपास रहने वाले लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की ओर से फायरिंग के बाद मंदिर के पास से दो बाइक सवार भी गुजरे। सेना ने इन्हें आतंकी समझकर फायरिंग की, लेकिन ये दोनों किसी तरह बच गए। दोनों सेना के ही पोर्टर बताए जा रहे हैं।
बता दें कि बट्टल की तरफ सेना और पुलिस ने आवाजाही को बंद कर दिया है। किसी भी वाहन को आने-जाने की अनुमति नहीं है। पूरे इलाके में अलर्ट जारी किया गया है।
गांव बट्टल में दहशत का माहौल है। आसपास इलाकों के लोग भी सहमें हुए हैं। पहले कभी भी इस तरह आतंकी रिहायशी इलाके में नहीं घुसे। पहली बार आतंकियों के मंदिर में घुसने से लोगों में दहशत है। जिस मंदिर में आतंकी छिपे थे, वहां हर सोमवार बड़ी संख्या में लोग माथा टेकते हैं। लोगों का कहना है कि गनीमत है कि आतंकी तड़के मंदिर में घुसे। यदि थोड़ी देर से आते तो बड़ी वारदात हो सकती थी। सुबह नौ बजे तक बड़ी संख्या में लोग मंदिर में माथा टेकने पहुंचते हैं।