नई दिल्ली, 9 मई 2025, शुक्रवार। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को बौखला दिया है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत का दावा है कि यह हमला पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूहों द्वारा किया गया। जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद गुरुवार को पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया। इतना ही नहीं, भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची बंदरगाह को भी निशाना बनाया। इस तनाव के बीच अमेरिका की प्रतिक्रिया ने सभी का ध्यान खींचा है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया: पाकिस्तान पर सवाल, भारत को समर्थन
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर अपनी बात रखते हुए दोनों देशों से तनाव कम करने और हिंसा रोकने की अपील की। एक प्रेस ब्रीफिंग में जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका और भारत का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों का समर्थन करता है, तो टैमी ब्रूस ने साफ शब्दों में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे हम दशकों से कहते आ रहे हैं। आतंकवाद की यह गतिशीलता मध्य पूर्व में जीवन को बर्बाद करती रही है। कश्मीर में जो हुआ, वह भयावह था। दुनिया ऐसी हिंसा को स्वीकार नहीं करती।”
टैमी ने पहलगाम हमले को “भयानक” बताते हुए पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई और कहा कि ऐसी हिंसा को विश्व समुदाय ने खारिज कर दिया है। उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन पर एक स्पष्ट टिप्पणी थी, जिसने भारत के रुख को मजबूती दी।
अमेरिका की दोनों देशों से बातचीत
टैमी ब्रूस ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की। इन चर्चाओं में रुबियो ने तनाव कम करने और हिंसा समाप्त करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी समर्थन की पेशकश की और बेहतर संचार के लिए प्रयासों को बढ़ावा देने की बात कही। टैमी ने यह भी जोड़ा कि दोनों देशों के साथ कई स्तरों पर बातचीत चल रही है, और इस संकट के जिम्मेदार समाधान के लिए दोनों को मिलकर काम करना चाहिए।
भारत की जवाबी कार्रवाई और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया था कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवादी समूहों को पनाह देता है, जो भारत के खिलाफ हमले की साजिश रचते हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सशस्त्र बलों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह ऑपरेशन सटीक, संयमित और गैर-उत्तेजक था, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को छूआ तक नहीं गया।
पाकिस्तान ने जवाब में भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, लेकिन भारत की S-400 जैसी उन्नत रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने लाहौर में पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया और कराची बंदरगाह पर हमला किया, जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा।
भारत का दमदार रुख, अमेरिका का समर्थन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद की घटनाओं ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को दुनिया के सामने रखा है। अमेरिका ने न केवल पहलगाम हमले की निंदा की, बल्कि पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन पर भी सवाल उठाए। टैमी ब्रूस के बयान और मार्को रुबियो की पहल से साफ है कि अमेरिका इस मामले में भारत के साथ खड़ा है, साथ ही दोनों देशों से शांति और संवाद की अपील कर रहा है। दूसरी ओर, भारत ने अपनी सैन्य और रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।