नई दिल्ली, 7 जून 2025, शनिवार: पाकिस्तान के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को न सिर्फ सैन्य मोर्चे पर नाकों चने चबवाए, बल्कि अब पानी के संकट ने उसे घुटनों पर ला दिया है। कभी शेखी बघारने वाले पाकिस्तानी नेता और सेना अब दुनिया भर में घिरते हुए भारत की कूटनीतिक चालों के सामने बेबस नजर आ रहे हैं। भारत के पास मौके की भरमार है, और वह इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की बेइज्जती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा और जी7 शिखर सम्मेलन में उनकी मौजूदगी इस बार खास मायने रखती है। भारत भले ही जी7 का सदस्य न हो, लेकिन 2019 से लगातार बुलाए जाने वाले पीएम मोदी इस बार एक अलग ही तेवर में हैं। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान जैसे ताकतवर देशों के नेताओं के साथ उनकी बातचीत में पाकिस्तान का आतंकवाद प्रमुख मुद्दा होगा। मोदी का वैश्विक नेताओं पर प्रभाव किसी से छिपा नहीं, और इस मंच पर पाकिस्तान का बचाव करना किसी के लिए आसान नहीं होगा।
ब्रिक्स में भी पाकिस्तान की फजीहत
ब्राजील में चल रहे 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच में आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख पूरी तरह हावी रहा। भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका समेत नए सदस्यों ईरान, यूएई, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद को वित्तीय मदद रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने और सख्त कार्रवाई की मांग को बुलंद किया। पाकिस्तान के लिए यह करारा झटका है, क्योंकि उसका “दोस्त” चीन भी इस मंच पर भारत के रुख के साथ खड़ा दिखा।
मध्य एशिया के साथ भारत का मजबूत गठजोड़
चौथे भारत-मध्य एशिया डायलॉग में भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखी। उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्रियों ने पीएम मोदी से मुलाकात की और आतंकवाद को मानवता के लिए खतरा बताते हुए इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकल्प लिया। संयुक्त राष्ट्र और FATF के नियमों का पालन करते हुए आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा दिलाने की बात पर जोर दिया गया।
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की बेचैनी
पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता अब सिंधु जल संधि को लेकर है। भारत ने पहलगाम हमले के बाद इस समझौते को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। खरीफ की फसल का मौसम नजदीक है, और पानी की कमी से पाकिस्तान का गला सूखने की नौबत आ रही है। उसने भारत को चार चिट्ठियां लिखकर फैसले पर पुनर्विचार की गुहार लगाई, लेकिन भारत का रुख साफ है: जब तक आतंकवाद को समर्थन बंद नहीं होगा, कोई रियायत नहीं। पाकिस्तानी संसद में भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर हो चुकी है।
भारत की कूटनीतिक जीत
भारत ने न सिर्फ सैन्य ताकत दिखाई, बल्कि वैश्विक मंचों पर अपनी कूटनीति को इतना धारदार बनाया कि पाकिस्तान चारों तरफ से घिर गया। जी7, ब्रिक्स और मध्य एशिया डायलॉग जैसे मंचों पर भारत का दबदबा और पाकिस्तान की बेइज्जती साफ दिख रही है। भारत के लिए यह सुनहरा मौका है, और वह इसे पूरी तरह भुना रहा है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की बौखलाहट और बेबसी दुनिया के सामने खुलकर आ चुकी है।