नई दिल्ली, 1 मई 2025, गुरुवार। पाकिस्तान की नापाक हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सीमा पर संघर्षविराम का उल्लंघन और आतंकी हमलों के बाद अब उसने साइबर युद्ध के जरिए भारतीय सेना को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी और अभेद्य साइबर सुरक्षा ने उसकी इस साजिश को धूल चटा दी। मंगलवार को होने वाली सैन्य संचालन महानिदेशालय (DGMO) की नियमित साप्ताहिक वार्ता को पाकिस्तान ने साइबर हमले का निशाना बनाया। लेकिन भारतीय साइबर सुरक्षा ने इस हमले को नाकाम कर दिया और पाकिस्तान रंगे हाथों पकड़ा गया।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बौखलाया पाकिस्तान न सिर्फ सीमा पर उकसावे की कार्रवाई कर रहा है, बल्कि साइबर जगत में भी अपनी हताशा दिखा रहा है। उसने आर्मी पब्लिक स्कूल (APS) श्रीनगर और रानीखेत की वेबसाइटों को निशाना बनाया, भड़काऊ प्रचार फैलाने की कोशिश की और डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमले किए। इसके अलावा, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (AWHO) के डेटाबेस और भारतीय वायुसेना के प्लेसमेंट पोर्टल में सेंध लगाने की साजिश रची। पाकिस्तान का कुख्यात साइबर आतंकी समूह “IOK हैकर्स” (इंटरनेट ऑफ खिलाफत) इन हमलों के पीछे था, जो भारतीय सैनिकों के परिवारों की निजी जानकारी चुराने और ऑनलाइन सेवाओं को बाधित करने की फिराक में था।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इन चार साइबर हमलों की पुष्टि की है। हालांकि, भारतीय सेना और साइबर विशेषज्ञों की त्वरित कार्रवाई ने सभी प्रभावित साइटों को तुरंत बहाल कर दिया। पाकिस्तान की यह हरकत न केवल उसकी हताशा को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह अब मासूम पर्यटकों के बाद सैनिकों के परिवारों को निशाना बनाने की नीच हरकत पर उतर आया है।
लेकिन भारत की साइबर ताकत ने पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाया। सही समय पर हमले के स्रोत का पता लगाकर और डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करते हुए भारतीय सेना ने अपने डिजिटल क्षेत्र की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह घटना साबित करती है कि भारत न केवल सीमा पर, बल्कि साइबर जगत में भी हर चुनौती के लिए तैयार है। पाकिस्तान की हर साजिश को नाकाम करने का संदेश साफ है: भारत की डिजिटल दीवार अभेद्य है, और उसकी सेना हर मोर्चे पर अडिग!