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Friday, June 27, 2025

पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश: तुफैल का जासूसी जाल और कट्टरपंथ का खेल

वाराणसी, 23 मई 2025, शुक्रवार। वाराणसी के नवापुरा इलाके में रहने वाला 28 वर्षीय मोहम्मद तुफैल, जो बुनकरी और फॉल्स सीलिंग का काम करता था, अब एक सनसनीखेज मामले का केंद्र बन चुका है। उत्तर प्रदेश की एटीएस ने उसे पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसके मोबाइल से मिले राष्ट्रविरोधी वीडियो, मैसेज और तस्वीरों ने खुफिया एजेंसियों को चौंका दिया है। तुफैल के पाकिस्तान में 600 से अधिक नंबरों से संपर्क और कट्टरपंथी गतिविधियों में उसकी गहरी संलिप्तता ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है।

प्रयागराज की घटना से प्रेरित था तुफैल

तुफैल का ध्यान खास तौर पर 24 नवंबर 2023 की उस घटना ने खींचा, जब प्रयागराज में एक बस कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा पर इंजीनियरिंग छात्र लारेब हाशमी ने चापड़ से हमला किया था। हमले के बाद लारेब ने धार्मिक नारे लगाए और वीडियो बनाकर पैगंबर के अपमान का बदला लेने की बात कही। तुफैल ने इस वीडियो को अपने बनाए 19 व्हाट्सएप ग्रुपों में 800 लोगों के बीच शेयर किया, जिसमें वाराणसी, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर और भदोही के लोग शामिल थे। वह इस घटना का इस्तेमाल भड़काऊ संदेश फैलाने और लोगों को उकसाने के लिए करता था। इसके अलावा, राजस्थान में हुए हमलों के वीडियो भी वह शेयर करता था।

पाकिस्तानी सैनिक की पत्नी से संपर्क

तुफैल की गतिविधियां केवल व्हाट्सएप तक सीमित नहीं थीं। वह फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहने वाली नफीसा नामक महिला से जुड़ा था, जिसका पति पाकिस्तानी सेना में है। तुफैल उसे भारत के घाटों, स्मृतियों और अन्य संवेदनशील जानकारी के वीडियो और फोटो भेजता था। हैरानी की बात यह है कि उसने नेपाल के रास्ते नफीसा को दो बार उपहार भी भेजे। एटीएस अब उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच कर रही है।

कट्टरपंथ की ओर बढ़ता कदम

एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, तुफैल 2018 से कट्टरपंथी विचारधारा के प्रभाव में था। उस साल पंजाब के सिरहिंद और कन्नौज की धार्मिक यात्राओं के दौरान वह कई कट्टरपंथी नेताओं के संपर्क में आया। उसका झुकाव पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक की ओर बढ़ा, जिसके नेताओं के वीडियो वह गौर से देखता और शेयर करता था। खास तौर पर वह कट्टरपंथी मौलाना शाद रिजवी के वीडियो शेयर कर लोगों को भारत विरोधी संगठनों से जुड़ने की अपील करता था। वह भारत में शरियत कानून और 2047 तक ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसे खतरनाक विचारों को बढ़ावा देता था।

तुफैल का अकेलापन और रहस्यमयी मुलाकातें

मोहल्ले वालों के अनुसार, तुफैल बेहद कम बोलने वाला और अंतर्मुखी व्यक्ति था। वह स्थानीय लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करता था, लेकिन अक्सर बाहरी लोगों से उसके घर पर मुलाकातें होती थीं। ये लोग वाराणसी के नहीं लगते थे, जिससे उसके व्यवहार पर संदेह और गहरा गया। तुफैल के परिवार ने उसकी गिरफ्तारी पर चुप्पी साध रखी है और केवल इतना कहा कि पुलिस उसे उठाकर ले गई।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

तुफैल का जीवन आसान नहीं रहा। जब वह 22 साल का था, तब उसके पिता ने उसकी मां को तलाक दे दिया। इसके बाद वह अपनी मां और छोटे भाई के साथ वाराणसी के नवापुरा में अपनी ननिहाल आ गया। सातवीं तक मदरसे में पढ़ाई करने वाला तुफैल पहले बुनकरी करता था और बाद में फॉल्स सीलिंग का काम शुरू किया। उसकी शादी नहीं हुई थी।

एटीएस की आगे की कार्रवाई

एटीएस ने तुफैल के मोबाइल और सिम को कब्जे में लिया है और उसे कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। उसकी 2018 की सिरहिंद और कन्नौज यात्राओं, साथ ही उसके संपर्कों की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए गहन पूछताछ होगी। उसके व्हाट्सएप ग्रुपों से जुड़े 800 लोगों के नंबरों की भी निगरानी शुरू हो चुकी है।

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