नकद राशि नहीं होने से पाकिस्तान कंगाल हो गया है। हालत यह हो गई है कि देश की केंद्रीय बैंक के पास भी नकदी नहीं है। ऐसे में उसने अपने बड़े मददगार सऊदी अरब से तीन अरब डॉलर का कर्ज लिया है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि शनिवार को इमरान खान मंत्रिमंडल ने सऊदी अरब से कर्ज लेने के एक समझौते को मंजूरी दे दी है, ताकि देश की केंद्रीय बैंक में यह पैसा (डॉलर) रखा जा सके।
पाकिस्तान की जियो न्यूज ने खबर दी है कि सऊदी सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) में रिजर्व बतौर तीन अरब डॉलर देने का वादा किया है। इमरान सरकार द्वारा किए गए समझौते के अनुसार यह पैसा एसबीपी के जमा खाते में एक साल तक रहेगा।
पाक सरकार के सूत्रों ने बताया कि एसबीपी ने सारे इंतजामों को अंतिम रूप दे दिया है और अब सब ठीक है। अगले कुछ दिनों में यह पैसा मिल जाएगा। मीडिया रिपोर्ट में आधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सउदी अरब से मिलने वाली तीन अरब डॉलर की मदद को लेकर समझौते को मंजूरी दे दी है।
पीएम इमरान खान के वित्तीय सलाहकार के प्रवक्ता मुजम्मिल असलम ने कहा कि पाकिस्तान को अगले 60 दिनों में तीन स्रोतों से 7 अरब डॉलर की मदद मिलने की उम्मीद है।
इनमें सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर की नकद जमा, सऊदी अरब से ही 1.2 अरब डॉलर की उधारी में तेल खरीदी सुविधा, 80 करोड़ डॉलर की इस्लामी विकास बैंक से तेल खरीदी सुविधा, सुकुक बांड जारी करने के माध्यम से एक अरब डॉलर और आईएमएफ से एक अरब डॉलर की मदद शामिल है। यह मदद पाकिस्तान के आयात बिलों का दबाव कम करेगी।
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में पाकिस्तान द्वारा चुकाए गए विदेशी कर्ज के कारण देश इस हालत में पहुंच गया है कि सुरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार कायम रखने के लिए उसे कर्ज लेना पड़ रहा है।