नई दिल्ली, 14 मई 2025, बुधवार। 23 अप्रैल का दिन भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव भरा था। पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात 40 वर्षीय बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ, जो अपनी ड्यूटी के दौरान अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे, को पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। यह घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद की थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया था, जिसके चलते पूर्णम की वापसी में देरी हुई।

पूर्णम, जो पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा के रहने वाले हैं, 21 दिनों तक पाकिस्तानी हिरासत में रहे। इस दौरान उनकी गर्भवती पत्नी रजनी और परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अथक प्रयास किए। रजनी ने फिरोजपुर और पठानकोट जाकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की और उनकी रिहाई के लिए गुहार लगाई।
आखिरकार, 14 मई को सुबह 10:30 बजे, अटारी-वाघा सीमा पर पूर्णम को भारत को सौंप दिया गया। बीएसएफ के बयान के अनुसार, यह हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से और स्थापित प्रोटोकॉल के तहत हुआ। बीएसएफ के लगातार फ्लैग मीटिंग्स और संचार के प्रयासों ने इस रिहाई को संभव बनाया। पूर्णम की वापसी के साथ ही उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। रजनी ने कहा, “मैं सभी का धन्यवाद करती हूँ जिन्होंने हमें समर्थन दिया।”