इस्लामाबाद, 11 जून 2025, बुधवार: पाकिस्तान आर्थिक संकट के भंवर में और गहराई तक धंसता जा रहा है। सोमवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण की ताजा रिपोर्ट ने इसकी बदहाल माली स्थिति को और बेनकाब कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक पाकिस्तान का कुल सार्वजनिक कर्ज 76,007 अरब पाकिस्तानी रुपए (76 ट्रिलियन) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो देश के इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा कर्ज है। भारतीय मुद्रा में यह राशि तकरीबन 23 लाख करोड़ रुपए के बराबर है।
चार साल में दोगुना हुआ कर्ज
आर्थिक सर्वे की मानें तो पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज पिछले चार सालों में तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 39,860 अरब रुपए था, जो अब लगभग दोगुना हो चुका है। अगर पिछले एक दशक की बात करें तो स्थिति और भी भयावह है। दस साल पहले 2014-15 में पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज 17,380 अरब रुपए था, यानी एक दशक में कर्ज लगभग पांच गुना बढ़ गया है।
कर्ज की मार से कराहता पाकिस्तान
पाकिस्तान पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और घटते विदेशी मुद्रा भंडार जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। अब कर्ज का यह बढ़ता बोझ उसकी अर्थव्यवस्था पर और भारी पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज के इस स्तर ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थानों पर और अधिक निर्भर बना दिया है। इसके अलावा, देश की आर्थिक नीतियों में सुधार की कमी और भ्रष्टाचार ने स्थिति को और जटिल कर दिया है।