आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान में अब रोटी की भी किल्लत हो गई है। पड़ोसी मुल्क के पास केवल 3 सप्ताह का गेहूं बच गया है। रमजान के महीने में जब इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान की अधिकांश जनता रोजे रख रही है, आटे की कीमत सातवें आसमान पर है। हाल ही में कार्यभार संभालने वाले वित्त मंत्री शौकत तारिन ने कहा है कि देश को 60 लाख मीट्रिक टन रणनीतिक गेहूं भंडार की तत्काल जरूरत है।
पाकिस्तानी अखबर एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल प्राइस मॉनिटरिंग कमिटी (NPMC) की बैठक में तारिन को बताया गया कि देश में गेहूं का भंडार पिछले सप्ताह 647,687 मीट्रिक टन ही बचा, जोकि मौजूदा उपभोग स्तर के मुताबिक केवल ढाई सप्ताह चलेगा। अप्रैल अंत तक यह स्टॉक कम होकर 3,84,000 मीट्रिक टन रह जाएगा। पाकिस्तान में यह किल्लत ऐसे समय पर हुई है जब फसल की कटाई जोरों पर है।
पंजाब का स्टॉक 400,000 मीट्रिक टन है तो सिंध में 57,000 मीट्रिक टन, खैबर पख्तूनख्वाह में 58,000 मीट्रिक टन और PASSCO में 140,000 मीट्रिक टन से कम स्टॉक है। वित्त मंत्री ने जरूरी वस्तुओं के रणनीतिक भंडार के महत्व के बताते हुए प्रांतीय सरकारों और संबंधित विभागों को जल्दी गेहूं, चीनी की खरीद का निर्देश दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, रणनीतिक भंडार के लिए पाकिस्तान को विदेशों से गेहूं खरीदना पड़ेगा, क्योंकि इस साल 260 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है, जोकि वार्षिक उपभोग जरूरत से 30 लाख टन कम है। 2018 में इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में गेहूं और आंटे की कीमत दोगुनी हो चुकी है। चीनी, तेल, चिकन, अंडे और सब्जियों की कीमत में भी आग लगी हुई है।