नई दिल्ली, 6 मई 2025, मंगलवार। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा (UNSC) का दरवाजा खटखटाया। लेकिन इस बार भी उसकी दाल नहीं गली। डेढ़ घंटे की क्लोज-डोर मीटिंग में न तो कोई बयान जारी हुआ, न ही कोई रिजॉल्यूशन पास हुआ। पाकिस्तान की यह कोशिश एक बार फिर उसे वैश्विक मंच पर बेइज्जत कर गई।
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन UNSC की चुप्पी और सख्त रुख ने साफ कर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर अब कोई उसके साथ नहीं। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पाकिस्तान को कड़े सवालों का सामना करना पड़ा।
लश्कर-ए-तैयबा का सवाल: UNSC ने पाकिस्तान के “झूठे झंडे” वाले दावों को खारिज करते हुए पूछा कि क्या इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है।
आतंकवाद की निंदा: सभी सदस्यों ने हमले की कड़ी निंदा की और जवाबदेही की मांग की।
पर्यटकों पर हमला: कुछ सदस्यों ने धार्मिक आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाने पर गहरी आपत्ति जताई।
मिसाइल और परमाणु बयानबाजी: पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण और उकसावे वाली परमाणु बयानबाजी को तनाव का बड़ा कारण बताया गया।
पाकिस्तान का कश्मीर, खासकर पहलगाम की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उछालने का सपना फिर चकनाचूर हो गया। UNSC के सभी सदस्यों ने एक स्वर में पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने की सलाह दी। यह बैठक पाकिस्तान के लिए एक और सबक है कि आतंकवाद के समर्थन की उसकी नीति अब दुनिया के सामने बेनकाब हो चुकी है।
क्या पाकिस्तान इस हार से कुछ सीखेगा, या फिर वही पुरानी चालें चलता रहेगा? वक्त ही बताएगा।