कश्मीर में हो रही ‘पिस्टल किलिंग’ को लेकर पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपनी सरकार की खाल बचाने के लिए कश्मीर में नए नामों वाले कई आतंकी संगठन खड़े कर दिए हैं।
रविवार को बिहार के जिन दो श्रमिकों को मारा गया है, उसकी जिम्मेदारी यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट-जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफ जेके) ने ली है। वारदात के बाद जारी किए पत्र में गैर-मुस्लिमों को घाटी खाली करने की चेतावनी दी गई है। पत्र में हिंदुत्च चरमपंथी संगठनों को लेकर कहा गया है कि इन्होंने बिहार में पिछले एक साल के दौरान 200 से अधिक मुस्लिमों के साथ लिंचिंग की है।
बता दें कि श्रीनगर में आतंकियों ने सात अक्तूबर को प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चांद की हत्या की थी। पहले इन शिक्षकों की हत्या की जिम्मेदारी नए आतंकी संगठन ‘गिलानी फोर्स’ ने ली थी। हालांकि उससे पहले आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ की नई शाखा ‘द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली थी।
जम्मू कश्मीर पुलिस की इंटेल शाखा से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र का कहना है कि पाकिस्तान ने अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए नया गेम प्लान तैयार किया है।पाकिस्तान के आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ और ‘जैश-ए-मुहम्मद’, जिनकी डोर पाकिस्तानी आईएसआई अपने हाथ में रखती है, अब इन्हीं के बीच से नए सदस्यों को मिलाकर कश्मीर में छोटे-छोटे समूह खड़े किए गए हैं। ‘पिस्टल किलिंग’ का टारगेट इन्हीं समूह से जुड़े आतंकियों को सौंपा गया है।
सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट-जम्मू एंड कश्मीर’ भी इसी कड़ी का हिस्सा है। अनंतनाग जिले का वानपोह इलाका, जिसे ‘मिनी बिहार’ भी कहा जाता है, ‘यूएलएफ जेके’ ने बिहार के दो लोगों की हत्या करने के बाद जारी पत्र में खुद को फ्रीडम फाइटर बताया है।
लिखा है हिंदू चरमपंथियों ने बिहार में मुस्लिमों के साथ लिंचिंग की है। कश्मीर में बाहर के लोगों को पहले भी चेतावनी दी गई है कि वे यहां से चले जाएं। पत्र में सुरक्षा बलों के बारे में लिखा है कि वे एनकाउंटर की आड़ में निर्दोष लोगों को मार रहे हैं। अनंतनाग जिले में सीआरपीएफ ने एक गरीब व्यक्ति को मारा था।
पत्र के अंतिम पैरा में दोबारा से चेतावनी दी गई है कि ‘नॉन लोकल’ यहां से चले जाएं, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। यदि सुरक्षा बल, स्थानीय लोगों पर अत्याचार करना बंद नहीं करेंगे तो ‘यूएलएफ जेके’, राजनेताओं के साथ साथ जम्मू कश्मीर पुलिस को भी निशाना बनाने से नहीं हिचकेगा।
जम्मू कश्मीर मामलों के सिक्योरिटी एक्सपर्ट कैप्टन अनिल गौर (रिटायर्ड) कहते हैं, पाकिस्तान ने अब जो चाल चली है, उसमें वह यह साबित करना चाह रहा है कि कश्मीर में जो किलिंग हो रही हैं, वह उनका आतंरिक मामला है। पाकिस्तानी आईएसआई का प्रयास है कि इस तरह के छोटे आतंकी समूहों के द्वारा किलिंग करा कर उसे हिंदु मुस्लिम की लड़ाई बना दिया जाए। इससे अंतरराष्ट्रीय पटल पर पाकिस्तान खुद को आतंक से दूर होने की बात को प्रभावी तरीके से साबित करने का प्रयास करेगा।