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Wednesday, June 18, 2025

पहलगाम आतंकी हमला: सऊदी दौरा छोड़कर भारत लौटे पीएम मोदी, देश की सुरक्षा सर्वोपरि

नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। मंगलवार, 22 अप्रैल 2025, का दिन भारत के लिए एक दुखद और चुनौतीपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया। जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में आतंकवादियों ने एक क्रूर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इसकी गूंज सुनाई दी। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब की दो दिवसीय राजकीय यात्रा को बीच में ही समाप्त कर बुधवार सुबह भारत लौटने का फैसला किया। यह कदम न केवल उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की उनकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

पहलगाम हमला: एक बर्बर कृत्य

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम, जिसे ‘मिनी स्विटजरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है, मंगलवार दोपहर उस समय खून से लथपथ हो गया जब आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में करीब 40 लोगों की मौत हुई, जिनमें दो विदेशी नागरिक (एक यूएई और एक नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी शामिल थे। मृतकों में कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के पर्यटक थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जिसने दावा किया कि यह हमला कथित तौर पर ‘गैर-स्थानीय लोगों’ के खिलाफ था। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी घटना में से है।

आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनके नाम पूछे और फिर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 50 से अधिक राउंड फायर किए गए। इस हमले ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि केंद्र सरकार को भी तत्काल कार्रवाई के लिए मजबूर किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तुरंत श्रीनगर पहुंचे और राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।

पीएम मोदी का त्वरित निर्णय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय सऊदी अरब के जेद्दा में थे, जहां वे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर गए थे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना था। हालांकि, जैसे ही पहलगाम हमले की खबर पीएम मोदी तक पहुंची, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने सऊदी अरब द्वारा आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में भाग नहीं लिया और अपनी यात्रा को छोटा कर मंगलवार रात ही जेद्दा से भारत के लिए रवाना हो गए। बुधवार सुबह दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव के साथ आपात बैठक की।

इसके अलावा, पीएम मोदी ने सऊदी अरब से ही गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और उन्हें घटनास्थल का दौरा करने तथा सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक अहम बैठक भी निर्धारित की गई, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होनी है।

वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले की गूंज वैश्विक मंच पर भी सुनाई दी। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, इटली, संयुक्त अरब अमिरात, इजरायल, ईरान, जापान और जर्मनी सहित कई देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की और भारत के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से बात करने की इच्छा जताई, जबकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को संवेदना संदेश भेजा। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी हमले की निंदा की और भारत को हरसंभव सहायता की पेशकश की।

पीएम मोदी का संदेश: आतंकवाद के खिलाफ अडिग संकल्प
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए लिखा, “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो भी है, उसे कटघरे में लाया जाएगा, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई की प्रतिबद्धता अटूट है।” उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को “हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए सबसे बड़े हमलों में से एक” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह घिनौना कृत्य है। अपराधी अमानवीय और तिरस्कार के पात्र हैं।” वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता महबूबा मुफ्ती ने हमले के विरोध में कश्मीर बंद का आह्वान किया।

आगे की राह

पहलगाम हमला एक बार फिर यह साबित करता है कि कश्मीर घाटी में शांति स्थापित करने की राह में अभी कई चुनौतियां बाकी हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही थी। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, लेकिन सरकार और सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा।

पीएम मोदी का सऊदी दौरा बीच में छोड़कर लौटना और तुरंत उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन करना उनकी नेतृत्व शैली का एक मजबूत उदाहरण है। यह कदम न केवल देशवासियों के प्रति उनकी जवाबदेही को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को मजबूत करता है। आने वाले दिनों में कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के साथ-साथ इस हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता: पहलगाम हमले के बाद मोदी का कड़ा रुख

पहलगाम आतंकी हमला एक त्रासदी है, जिसने देश को गहरे दुख में डुबो दिया। लेकिन पीएम मोदी का त्वरित और निर्णायक रुख इस बात का प्रतीक है कि भारत आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेगा। सऊदी अरब जैसे महत्वपूर्ण दौरे को बीच में छोड़कर लौटना यह दर्शाता है कि उनके लिए देश की सुरक्षा और नागरिकों का जीवन सर्वोपरि है। यह समय है जब पूरा देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार का साथ दे, ताकि कश्मीर की वादियों में फिर से शांति और समृद्धि का सूरज उगे।

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