नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। जम्मू-कश्मीर का पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए विश्व विख्यात है, मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को एक भयावह आतंकवादी हमले का गवाह बना। इस हमले ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि पर्यटन के इस स्वर्ग को दहशत के साये में लपेट लिया। हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्ध आतंकियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा—के स्केच जारी किए हैं।
हमले का खौफनाक मंजर
पहलगाम की बैसरन घाटी, जहां पैदल या खच्चरों के माध्यम से ही पहुंचा जा सकता है, मंगलवार दोपहर 2:45 बजे गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी। लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। हमलावरों ने पुलिस की वर्दी में छिपकर पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे किसी को संदेह होने की गुंजाइश ही नहीं रही। खबरों के अनुसार, आतंकियों ने चुन-चुनकर पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया, कुछ मामलों में कथित तौर पर उनका धर्म पूछकर गोली मारी। इस हमले में 26 से 28 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और 20 से अधिक लोग घायल हुए। यह 2019 में धारा 370 हटाए जाने के बाद घाटी का सबसे घातक हमला माना जा रहा है।
चश्मदीदों के बयानों ने घटना की भयावहता को और उजागर किया। एक पर्यटक की बेटी ने बताया, “आतंकी तंबुओं के पास आए और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। हम तुरंत जमीन पर लेट गए, यह सोचकर कि शायद सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही है।” कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि आतंकियों ने पश्तून भाषा में बात की और उनके पास अत्याधुनिक हथियार, जैसे AK-47, थे।
सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया
हमले की सूचना मिलते ही भारतीय सेना, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसरन के जंगलों में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। हेलीकॉप्टर और उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में जुट गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी जांच शुरू की और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर तीन संदिग्ध आतंकियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबु तल्हा—के स्केच जारी किए। ये स्केच NIA की फॉरेंसिक टीम ने तैयार किए, जो प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी पर आधारित हैं।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है। सूत्रों के अनुसार, हमले में कुल छह आतंकी शामिल थे, जिनमें चार पाकिस्तान से आए थे और दो स्थानीय हो सकते हैं। यह भी खुलासा हुआ कि आतंकी दो सप्ताह पहले राजौरी और उधमपुर के रास्ते भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। जांच में यह भी सामने आया कि हमले की साजिश रावलपिंडी में रची गई, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका संदिग्ध है।
देश-विदेश में गुस्सा और एकजुटता
पहलगाम हमले ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही हवाई अड्डे पर उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “इस घिनौने हमले को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल सहित कई नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की गूंज सुनाई दी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रति संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
चुनौतियां और भविष्य की राह
यह हमला कई सवाल खड़े करता है। धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई थी, लेकिन पहलगाम हमला सुरक्षा व्यवस्था में चूक की ओर इशारा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकियों का स्थानीय समर्थन और उन्नत हथियारों तक पहुंच चिंता का विषय है। साथ ही, पर्यटकों को निशाना बनाना आतंकियों की नई रणनीति को दर्शाता है, जिसका मकसद घाटी के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना और अशांति फैलाना है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। एयर इंडिया और इंडिगो ने पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू की हैं। प्रशासन पर्यटकों का हौसला बढ़ाने और सामान्य स्थिति बहाल करने में जुटा है।
आतंक के खिलाफ भारत की एकजुटता: पहलगाम हमले के बाद सख्त कार्रवाई का संकल्प
पहलगाम का आतंकी हमला एक दुखद और निंदनीय घटना है, जिसने मानवता को लज्जित किया है। लेकिन भारत की सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई और देश की एकजुटता इस बात का प्रमाण है कि हम आतंकवाद के सामने नहीं झुकेंगे। आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबु तल्हा जैसे आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए चल रहा सर्च ऑपरेशन और NIA की जांच उम्मीद की किरण है। यह समय है कि हम एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ें और पहलगाम की शांति को फिर से स्थापित करें।