नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025, गुरुवार। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस कायराना हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। पर्यटकों को निशाना बनाने वाले इस हमले ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर गंभीर सवाल खड़े किए। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुरुवार को संसद भवन की एनेक्सी बिल्डिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाते हुए हमले की कठोर निंदा की और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
बैठक का माहौल: शोक, संकल्प और एकजुटता
सर्वदलीय बैठक की शुरुआत एक मार्मिक क्षण के साथ हुई, जब पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। यह क्षण न केवल शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक था, बल्कि देश की एकता और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संकल्प को भी दर्शाता था। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे। इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव, संसदीय कार्य सचिव और आईबी निदेशक ने भी बैठक में हिस्सा लिया, जिससे इसकी गंभीरता और व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए विश्वविख्यात है, 22 अप्रैल को आतंकवादियों के निशाने पर आ गया। बैसरन घाटी में पर्यटकों के एक समूह पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए। प्रारंभिक जांच में इस हमले के पीछे आतंकी संगठन TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट) का हाथ होने की आशंका जताई गई है। यह हमला न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी सवाल उठाता है, क्योंकि कई सूत्रों ने इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का संदेह जताया है।
बैठक में प्रमुख चर्चा और संभावित निर्णय
सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य न केवल विपक्षी दलों को हमले की विस्तृत जानकारी देना था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस और एकजुट रणनीति तैयार करना भी था। सूत्रों के अनुसार, बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा हुई:
आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार इस हमले के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं। उन्होंने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (persona non grata) घोषित किया है, और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम: बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने पर सहमति बनी। भारत ने पहले ही सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा की अनुमति रद्द कर दी है। इसके अलावा, पाकिस्तान का आधिकारिक X हैंडल भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया।
सुरक्षा बलों को सशक्त बनाना: सरकार सशस्त्र बलों को और अधिक सुसज्जित करने के लिए कदम उठा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
राष्ट्रीय एकता का संदेश: सभी दलों ने इस संकट की घड़ी में एकजुटता का संदेश दिया। राहुल गांधी, जो अपने विदेश दौरे को बीच में छोड़कर लौटे, ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया, जिससे विपक्ष का समर्थन स्पष्ट हुआ।
पाकिस्तान पर बढ़ता दबाव
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और सामरिक दबाव बढ़ा दिया है। बैठक में माना गया कि इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका की गहन जांच की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पर्दे के पीछे छिपे लोगों को भी तलाशा जाएगा। आरोपियों को करारा और साफ जवाब दिया जाएगा। मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि न्याय जरूर होगा।” इसके साथ ही, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने का निर्णय लिया है ताकि वैश्विक समुदाय आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करे।
आगे की राह
पहलगाम हमला भारत के लिए एक कठिन चुनौती है, लेकिन यह देश की एकता और दृढ़ता को भी उजागर करता है। सर्वदलीय बैठक ने न केवल सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भारत एकजुट है। बैठक में लिए गए निर्णय, जैसे पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम और सुरक्षा बलों को सशक्त बनाना, आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति को दर्शाते हैं।
पहलगाम हमले ने भारत के सामने एक गंभीर चुनौती पेश की है, लेकिन सर्वदलीय बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश इस संकट का सामना करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक ने न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संकल्प भी दोहराया। जैसा कि भारत इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कदम उठा रहा है, यह बैठक एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र की ताकत का प्रतीक बन गई है।