नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि लोकसभा में आज से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 16 घंटे की बहस शुरू होगी, जबकि राज्यसभा में यह चर्चा परसों होगी। कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोके जाने के बाद दो दिवसीय विशेष सत्र की मांग की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया। रमेश ने कहा, “देर आए, दुरुस्त आए,” लेकिन इस बहस की पृष्ठभूमि में कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि और सवाल
जयराम रमेश ने कहा, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को अभी तक सजा नहीं मिली है। ये आतंकी पहले पुंछ (दिसंबर 2023), गगनगीर और गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) हमलों में भी शामिल थे। 14 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसे सुरक्षा तंत्र की विफलता स्वीकार किया।
ऑपरेशन सिंदूर पर विवाद
कांग्रेस सांसद रमेश ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई खुलासे सामने आए हैं। 30 मई 2025 को सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन के पहले दो दिनों में रणनीतिक चूक की बात कही। 29 जून को जकार्ता में भारतीय दूतावास के रक्षा अधिकारी ग्रुप कैप्टेन शिव कुमार ने दावा किया कि राजनीतिक फैसलों ने सैन्य अभियानों को बाधित किया और भारतीय वायुसेना के विमानों को नुकसान हुआ। जुलाई 2025 में उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने खुलासा किया कि भारत ने ऑपरेशन के दौरान चीन से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों स्तरों पर मुकाबला किया, जो एक नया परिदृश्य था।
ट्रंप का हवा हवाई दावा
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई 2025 से अब तक 26 बार दावा किया है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाया और भारत के साथ व्यापार खत्म करने की धमकी दी। उन्होंने यह भी कहा कि शायद पांच भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए गए। ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को लंच पर बुलाया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी अभियानों में “बेहतरीन साझेदार” बताया। दो दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री की सराहना की।
मीडिया की भूमिका पर सवाल
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मीडिया के कुछ वर्गों ने सरकार के इशारे पर अतिशयोक्तिपूर्ण रिपोर्टिंग की, जिससे नैरेटिव तो बनाया गया, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावहीन रहा।
कारगिल समीक्षा का उदाहरण
जयराम रमेश ने 1999 की कारगिल समीक्षा समिति का जिक्र किया, जिसे वाजपेयी सरकार ने युद्ध खत्म होने के तीन दिन बाद गठित किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट “From Surprise to Reckoning” 15 दिसंबर 1999 को सौंपी, जिसे 23 फरवरी 2000 को संसद में पेश किया गया और उस पर चर्चा हुई। रमेश ने कहा, “तब का माहौल, सरकार और बीजेपी अलग थे।”
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने 22 अप्रैल 2025 को सर्वदलीय बैठक की मांग की थी, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री ने की, न कि प्रधानमंत्री ने। पार्टी ने खुफिया चूक और ऑपरेशन सिंदूर की विफलता पर जवाब मांगा है। संसद में होने वाली इस बहस से कई अहम खुलासों की उम्मीद है।