नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025: संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “संसद लोकतंत्र का मंदिर है और लोकतंत्र चर्चा से जीवंत होता है, लेकिन विपक्ष लोकतंत्र को शोरतंत्र बना रहा है।”
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह मॉनसून सत्र विजयोत्सव है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादियों के आकाओं के ठिकानों को मात्र 22 मिनट में जमींदोज कर दिया। मेड इन इंडिया सैन्य शक्ति ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।” सरकार ने स्पष्ट किया कि वह ऑपरेशन सिंदूर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, मगर कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने हंगामे का रास्ता चुना।
शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के रवैये पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, “जब पूरा देश भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम पर गर्व कर रहा है, तब विपक्ष अपनी गंदी राजनीति कर रहा है। आखिर विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है, जब सरकार हर मुद्दे पर खुली चर्चा को तैयार है?” उन्होंने विपक्ष पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने ऐसा शौर्य दिखाया कि पाकिस्तान आज तक अपने रहीम यार खान एयरबेस को ठीक नहीं कर पाया। विपक्ष को सरकार के साथ खड़े होकर सेना के पराक्रम को प्रणाम करना चाहिए था, ताकि दुनिया को यह संदेश जाता कि पूरा भारत एकजुट है।”
चौहान ने आगे कहा कि विपक्ष का यह रवैया न केवल अफसोसजनक है, बल्कि यह देश की सेना के सम्मान के खिलाफ है। “हर भारतीय को अपनी सेना पर गर्व है और हम पूरी मजबूती से उनके साथ खड़े हैं। विपक्ष का चर्चा से भागना और सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने भारत की सैन्य ताकत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया है, लेकिन विपक्ष के हंगामे ने संसद में रचनात्मक चर्चा की संभावनाओं को प्रभावित किया है। सवाल यह है कि क्या विपक्ष अपनी जिम्मेदारी समझेगा और लोकतंत्र के मंदिर में रचनात्मक चर्चा का हिस्सा बनेगा?