श्रीनगर, 15 मई 2025, गुरुवार। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक ऐसी जंग लड़ी, जिसने न सिर्फ दुश्मनों के होश उड़ाए, बल्कि दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ रक्षा नहीं करता, बल्कि जवाबी हमले में दुश्मन को घुटनों पर ला देता है। ऑपरेशन सिंदूर, जिसने पाकिस्तान और पीओके में छिपे आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया, इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाइयों में से एक बन गया। पाकिस्तानी सेना, जो आतंकियों के समर्थन में भारत पर हमले कर रही थी, उसे भी भारतीय सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। उनके एयरबेस और हथियारों को तबाह कर भारत ने पाकिस्तान को मिन्नतें करने पर मजबूर कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ।
इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे। श्रीनगर में उन्होंने पाकिस्तान की ओर से दागे गए गोलों और हथियारों के मलबे का निरीक्षण किया। बादामी बाग छावनी में प्रदर्शित मलबे को देखकर उन्होंने न सिर्फ ऑपरेशन की सफलता का जायजा लिया, बल्कि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति की गहन समीक्षा भी की। यह उनकी पहली यात्रा थी, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई, और इसने एक मजबूत संदेश दिया कि भारत अपनी सीमाओं और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
हमने उनकी छाती पर घाव किया
श्रीनगर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गर्व के साथ कहा, “भारत ने दिखा दिया कि हम सिर्फ बचाव नहीं करते, बल्कि कठोर कार्रवाई भी कर सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।” उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वह किसी भी हद तक जा सकता है। “उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, और हमने उनकी छाती पर घाव किया।” राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उसने भारत को धोखा दिया, छला, और अब उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है।
उन्होंने धर्म देखकर मारा, हमने कर्म देखकर
पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “उन्होंने धर्म देखकर मारा, और हमने कर्म देखकर।” उन्होंने पाकिस्तान की कायराना हरकतों पर तंज कसते हुए कहा, “पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहां से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है।” अपनी बात को और गहराई देने के लिए उन्होंने संस्कृत और हिंदी का सहारा लिया:
“जहां सुमति तहं संपति नाना, जहां कुमति तहं विपति निदाना।”
फिर एक काव्यात्मक अंदाज में बोले:
“रुग्ण होना चाहता कोई नहीं, रोग लेकिन आ गया जब पास हो, तिक्त ओषधि के सिवा उपचार क्या? शमित होगा वह नहीं मिष्टान्न से।”
इसका मतलब साफ था—आतंकवाद जैसी बीमारी का इलाज मिठास से नहीं, कड़वी दवा से होता है, और भारत ने वही किया।
भारत का संदेश: आतंक का अंत, शांति का रास्ता
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की इच्छाशक्ति और संकल्प का प्रतीक है। राजनाथ सिंह का जम्मू-कश्मीर दौरा और उनके बयान इस बात का सबूत हैं कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। यह एक नये भारत की कहानी है—जो न झुकता है, न रुकता है, और न ही आतंक के आगे हार मानता है।